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परीक्षार्थियों के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया टोल फ्री नंबर

परीक्षा के दोनों दिनों में फील्ड में रहे सभी अधिकारी-डीसी मोनिका गुप्ता

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पंचकूला, 23 जुलाई-   उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया की आगामी 26, 27 जुलाई 2025 को होने वाले सीईटी परीक्षा को लेकर सभी तैयारियाँ जिला प्रशासन ने पूरी कर ली हैं । उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों के लिए एक टोल फ्री नंबर – 0172- 2566262 जारी किया गया है ।

डीसी मोनिका गुप्ता ने निर्देश दिए कि सीईटी को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने के लिए सभी अधिकारी अपने अपने विभागों से संबंधित ड्यूटी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि हमें ना केवल पंचकूला जिले में आने वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा संपन्न करवाने में उनका सहयोग करना है बल्कि पंचकूला जिला से यमुनानगर जाने वाले अभ्यर्थियों के आने जाने कीे व्यवस्थाओं को भी सही ढंग से सम्पन्न कराना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 26 और 27 जुलाई को वे सभी अभ्यर्थियों के सहयोग के लिए फील्ड में रहें और आवश्यकता पडने पर उनका पूर्ण सहयोग करे।

सुरक्षा व्यवस्था रहेगी चाक चौबंद

उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि 26 और 27 जुलाई को होेने वाली परीक्षा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद रहेगी। इस दौरान उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। दोनों दिनों में न केवल कोचिंग संस्थान बल्कि परीक्षा केंद्रों के आस पास फोटोस्टेट की दुकाने भी बंद रहेगी। परीक्षा केंद्र के अंदर परिक्षार्थी या परीक्षा करवाने के लिए जिन लोगों की ड्यूटी लगी है कोई भी मोबाईल अंदर नहीं ले जा सकेगा।

पांच स्थानों से रवाना होगी, यमुनानगर के लिए बसे

उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि यमुनानगर जाने वाले अभ्यर्थियों के लिए जिले में पांच स्थानों से बसे रवाना होगी। इनमें कालका और मोरनी से मोर्निंग शिफ्ट के लिए प्रातः 4 बजे व इवनिंग शिफ्ट के लिए 9 बजे बसे रवाना होगी। इसी प्रकार पंचकूला बस स्टेंड, रायपुररानी और बरवाला से मोर्निंग शिफ्ट के लिए प्रातः 4.30 बजे व इवनिंग शिफ्ट के लिए 9.30 बजे बसे रवाना होगी। यही बसें यमुनानगर से वापिसी के समय अभ्यर्थियों को लेकर आएंगी। उन्होंने बताया कि बसों के रवाना होने का शेड्यूल दोनों दिन इसी प्रकार रहेगा।

रात्रि ठहराव के लिए भी की गई है व्यवस्था

उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि जो अभ्यर्थी दूर से आने वाले है यदि वे एक दिन पहले पंहुचते है  तो उनके लिए धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों में रूकने की व्यवस्था की जा रही है ताकि अभ्यर्थियों को कोई असुविधा ना हो।

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित

31 जुलाई तक किए जा सकेंगे आवेदन

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 पंचकूला 23 जुलाई      उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2026 के लिए आवेदन/नामांकन आमंत्रित किए
 गए हैं। आवेदन/नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल (https://awards.gov.in) पर किए जा सकेंगे।


उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2026 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31.07.2025 है।
उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार वीरता, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति, विज्ञान और प्रौ‌द्योगिकी, क्षेत्र में असाधारण योगदान करने वाले योग्य  उम्मीदवारों को प्रदान किया जाता है।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नवीनीकृत नेचर कैंप थापली का किया लोकार्पण

नवीनीकृत इको- कुटीर का भी किया उद्घाटन

कालका से कलेसर तक नेचर ट्रैक पर ट्रैकिंग के लिए मुख्यमंत्री ने समूह को झंडी दिखाकर किया रवाना

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पंचकूला, 23 जुलाई — हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में नवीनीकृत नेचर कैंप थापली का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने नवीनीकृत इको-कुटीर का भी उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने आयुर्वेदिक पंचकर्मा केंद्र का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का भी जायजा लिया।

इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह और कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने यहां कालका से कलेसर तक बनाए गए नेचर ट्रेल पर ट्रैकिंग के लिए एक दल को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रैक हरियाणा के युवाओं को साहसिक पर्यटन की ओर आकर्षित करेगा और राज्य को एडवेंचर व नेचर टूरिज्म हब के रूप में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन आज की युवा पीढ़ी की रुचि से जुड़ा हुआ क्षेत्र है और इससे न केवल पर्यटन का विस्तार होगा बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

पर्यावरणीय संरक्षण के लिए पौधारोपण का संदेश

मुख्यमंत्री ने मोरनी क्षेत्र में स्थित त्रिफला वाटिका में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम पर्यटन को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रकृति, संस्कृति और स्वास्थ्य के साथ जोड़ने के प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने नेचर कैंप में स्थापित क्लाइमेट चेंज लर्निंग लैब का भी अवलोकन किया। इस लैब में बच्चे पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारणों और उनके समाधानों को खेलों के माध्यम से जान सकते हैं। इस प्रकार की लर्निंग लैब न केवल बच्चों को वैज्ञानिक तथ्यों से जोड़ती है, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित भी करती है।

पर्यटन बढ़ने के साथ साथ स्थानीय संस्कृति और प्रकृति संरक्षण को भी मिलेगा बल

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी क्षेत्र की भौगोलिक सुंदरता, जैव विविधता और शांत वातावरण इसे प्राकृतिक पर्यटन के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाते हैं। सरकार की रणनीति इस क्षेत्र को एक समग्र इको-टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित करने की है, जिससे स्थानीय लोगों की भागीदारी और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इन पहाड़ी क्षेत्रों में सुविधाओं के विकास से जहाँ एक ओर अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर मिलेंगे। सरकार का प्रयास है कि ऐसे क्षेत्रों को स्वास्थ्य पर्यटन, योग, आयुर्वेद और साहसिक गतिविधियों के केंद्र बनाकर प्रदेश में सतत पर्यटन विकास को बल दिया जाए।

इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री विनीत कुमार गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भारत भाषण भारती सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस वर्ष राज्यभर में 2.10 करोड़ पौधे लगाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की करी घोषणा

मोरनी में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव में मुख्यमंत्री ने की शिरकत

 हरियाणा के वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए पाँच वर्षों तक पौधों की वृद्धि पर रखी जाएगी नजर

 अक्टूबर 2014 से अब तक राज्यभर में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाए जा चुके

 पर्यावरण संरक्षण सरकार और नागरिकों की सामूहिक ज़िम्मेदारी – नायब सिंह सैनी

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 पंचकूला, 23 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ और सतत भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष प्रदेशभर में 2.10 करोड़ पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के लोगों से अधिक से अधिक पौधे लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस मानसून के मौसम में प्रत्येक परिवार कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए।

उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के पहले चरण में, हरियाणा में 1.60 करोड़ पौधों के तय लक्ष्य से भी अधिक 1.87 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से हम एक बार फिर इस लक्ष्य को पार कर लेंगे।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला जिले के मोरनी में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि वन विभाग द्वारा शुरू किए गए वृक्षारोपण की हर साल ड्रोन का उपयोग करके जियो-टैगिंग और नियमित रूप से मैपिंग की जाएगी। हरियाणा में वन क्षेत्र बढ़ाने में योगदान देने के लिए इन पौधों के विकास की निगरानी पाँच वर्षों तक की जाएगी। अक्टूबर 2014 से, राज्यभर में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा प्रकाशित दो पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया, जो मोरनी क्षेत्र में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर्बल वाटिका और नेचर ट्रेल्स के विकास पर केंद्रित हैं।

कालका विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा द्वारा रखी गई मांगों पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि संबंधित विभागों द्वारा फिजिबिलिटी चेक किए जाने के बाद विकास संबंधी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव वृक्षों की सुरक्षा और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।  इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार के अलावा, पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना प्रत्येक व्यक्ति की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से कम से कम एक पौधा लगाने और कम से कम पाँच वर्षों तक अपने बच्चों की तरह उसकी देखभाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पेड़ न केवल ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और प्रकृति के संतुलन को बहाल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रगति की चाह में, कई पेड़ काटे गए हैं, जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है और प्रकृति व लोगों के स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुँच रहा है। वन महोत्सव केवल वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं है; यह एक प्रतिबद्धता है जो हमें याद दिलाती है कि प्रकृति हमारा जीवन है और इसकी रक्षा हमारा परम कर्तव्य है।

2014 से अब तक कालका विधानसभा क्षेत्र में 2,446 करोड़ रुपये के विकास कार्य पूरे हुए हैं, जबकि उससे पहले के दस वर्षों में केवल 304 करोड़ रुपये के ही कार्य हुए

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मोरनी क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वर्ष 2014 से अब तक कालका विधानसभा क्षेत्र में 2,446 करोड़ रुपये के विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में केवल 304 करोड़ रुपये के ही काम हुए थे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने कालका विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल 171 घोषणाएं की हैं। इनमें से 60 घोषणाएँ पूरी हो चुकी हैं और 9 अन्य पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में पहली बार लगातार तीसरी बार सरकार बनी है, जो वर्तमान सरकार में लोगों के बढ़ते विश्वास का स्पष्ट प्रमाण है।

 राज्य सरकार ने 75 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों के सम्मान हेतु प्राणवायु देवता पेंशन योजना शुरू की

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 75 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्राणवायु देवता पेंशन योजना चलाई है। इस पहल के तहत, इन वृक्षों की देखभाल और रखरखाव के लिए प्रति वृक्ष 3,000 रुपये प्रति वर्ष पेंशन का प्रावधान किया गया है। अब तक इस योजना के तहत 3,800 वृक्षों के संरक्षकों के खातों में 1 करोड़ रुपये की राशि जमा की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, औषधीय पौधों के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न जिलों में हर्बल पार्क विकसित किए गए हैं। मोरनी क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हर्बल वन स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, हरित आवरण बढ़ाने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई जिलों में ऑक्सी-वन भी विकसित किए गए हैं।

 सरकार ने दक्षिण हरियाणा में ‘हरित अरावली कार्य योजना’ शुरू की

 मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दक्षिण हरियाणा में ‘हरित अरावली कार्य योजना’ भी शुरू की है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई यह परियोजना, हरियाणा सहित अरावली पर्वतमाला से घिरे चार राज्यों में कार्यान्वित होगी। इस पहल के लिए कुल 29 जिलों का चयन किया गया है, जिनमें से पाँच हरियाणा के हैं। इसके अलावा, राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों, विशेषकर शिवालिक क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए कई बांध बनाए गए हैं। ये बाँध वन्यजीवों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने और भूमिगत जल स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 नागरिकों से विशेष अवसरों पर पेड़ लगाने का आग्रह

 हरियाणा को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त रखने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोई भी सरकारी योजना या कार्यक्रम सक्रिय जनभागीदारी के बिना सफल नहीं हो सकता। उन्होंने राज्य के सभी निवासियों से पेड़ों को न काटने का आग्रह किया और कहा कि अगर किसी को कोई बीमार पेड़ दिखाई दे, तो वे वन विभाग को सूचित करें ताकि उसका उचित उपचार किया जा सके। उन्होंने सभी से अपने बच्चे के जन्मदिन, शादी की सालगिरह या किसी अन्य विशेष अवसर पर पेड़ लगाने का भी आग्रह किया।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां लगभग 80 लोगों ने विभिन्न शिकायतों को लेकर अपने प्रतिवेदन सौंपे है और इन शिकायतों का संबंधित विभागों द्वारा त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

 वन महोत्सव एक जन आंदोलन होना चाहिए, न कि केवल एक औपचारिक आयोजन – मंत्री राव नरबीर सिंह

 हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि वन महोत्सव को केवल एक औपचारिक आयोजन न मानकर, एक जन आंदोलन के रूप में देखा जाना चाहिए जिसमें राज्य का प्रत्येक नागरिक सक्रिय रूप से भाग ले। उन्होंने जनता से न केवल पौधे लगाने का संकल्प लेने, बल्कि उनकी उचित देखभाल सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा- विधायक शक्ति रानी शर्मा

कालका विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के गतिशील नेतृत्व में हरियाणा ने उल्लेखनीय प्रगति की है और विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने कालका विधानसभा क्षेत्र को विकास की दृष्टि से राज्य का अग्रणी विधानसभा क्षेत्र बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। श्रीमती शर्मा ने मोरनी क्षेत्र में ईको-टूरिज्म और साहसिक खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। इस अवसर पर, उन्होंने जनता से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री बी.बी. भारती,  सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित

6500 किमी सड़कों की मरम्मत पर भी मंथन, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष जोर

 सड़कों की गुणवत्ता से ही दिखती है प्रदेश की तरक्की, गुणवत्ता से समझौता करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई: रणबीर गंगवा

 प्रदेश की 3500 किलोमीटर की सड़कें होंगी 18 फीट चौड़ी, सड़कों पर लगे साइन बोर्ड ठीक करने के भी निर्देश

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 पंचकूला, 23 जुलाई– हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने बुधवार को पंचकूला स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें वित्त वर्ष 2025-26 के वर्क प्रोग्राम की समीक्षा की गई। बैठक में विभाग के आला अधिकारी के अलावा अभियंता, अधीक्षण अभियंता सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वहीं एक्सईएन, एसडीओ और जेई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े, जिला वार तमाम प्रोजेक्ट्स पर मंत्री ने मंथन किया।

  बैठक में लोकनिर्माण विभाग के सम्बंधित विकास कार्यों की प्रगति, पारदर्शिता और गुणवत्ता को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निर्माण कार्यों में लापरवाही, देरी या गुणवत्ता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाहर के प्रदेशों से जब कोई व्यक्ति दूसरे प्रदेश में जाता है तो वहां की सड़कों की हालत वहां के विकास कार्य को बयान कर देती है। ऐसे में हमें हमारे प्रदेश की सड़कों के सुदृढ़ीकरण पर जोर देना होगा।

 बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा को अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रदेश में 6500 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत कार्यों के टेंडर प्रक्रिया पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेष कार्यों की प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाए ताकि सभी योजनाएं तय समय पर पूरी हो सकें। अच्छी सड़कें किसी भी राज्य की तरक्की की पहचान होती हैं, इसलिए हर सड़क मजबूत, चौड़ी और सुरक्षित होनी चाहिए।

 18 फीट चौड़े होंगी 3500 किलोमीटर सड़कें

 कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश की करीब 3500 किलोमीटर सड़कों को 18 फीट चौड़ा करने की योजना पर कार्य तेजी से किया जाए। जिससे यातायात में सुगमता और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत बनने वाली विभिन्न विभागों की इमारतों को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। इस दौरान मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण सामग्री, डिजाइन और कार्य पद्धति की निगरानी सख्ती से की जाए।

 मंत्री श्री गंगवा ने बेलदारों की कार्यप्रणाली को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि हाल ही में जो बेलदार भर्ती हुए हैं, वे पढ़े-लिखे हैं लेकिन अपने कार्यस्थल पर सक्रिय नहीं दिख रहे। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे कर्मचारियों की कंपाइल रिपोर्ट 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मी वर्दी पहनकर समय पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि हर कर्मी अपने कार्य और जिम्मेवारी को गंभीरता से लें।

 इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए कि कांट्रेक्टरों के माध्यम से हो रहे कार्यों के अलावा विभागीय स्तर पर अन्य कार्यों में भी तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि अब वे स्वयं भी कार्य स्थलों का निरीक्षण करेंगे और विकास कार्यों की स्वयं समीक्षा करेंगे लापरवाही मिलने पर एक्शन भी होगा।

 साइन बोर्ड पर भी मंत्री सख्त

 सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर भी मंत्री श्री गंगवा ने चिंता जताई और सख्त निर्देश दिए कि प्रदेशभर में टूटे हुए या खराब हो चुके साइन बोर्ड्स को या तो ठीक किया जाए या उन्हें तुरंत बदला जाए। उन्होंने यह भी कहा कि टेंडर प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता होनी चाहिए ताकि जनता के बीच सरकार की साख मजबूत हो।

 मंत्री गंगवा ने कहा कि प्रदेश की प्रगति सड़क नेटवर्क और आधारभूत ढांचे की गुणवत्ता में परिलक्षित होती है। इसीलिए सभी कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करें और यह सुनिश्चित करें कि हर कार्य में गुणवत्ता सर्वोच्च स्तर की हो।

 लैब में भेजे जाएं सैम्पल

 लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे भवन और सड़कों में लगने वाली सामग्री की क्वॉलिटी पर भी विशेष ध्यान रखा जाए और सामग्री की समय-समय पर विभाग की लैब में इनकी जांच करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जो भी कार्य पूरे हो जाते हैं और उनका उद्घटान हो गया हो तो उस भवन को सम्बंधित विभाग को सौंप दिया जाये। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद समय पर बिल की अदायगी कर दी जाए।

 बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, प्रमुख अभियंता श्री अनिल दहिया, श्री राजीव यादव, एचएसआरडीसी के एमडी श्री वीएस मलिक भी मौजूद थे।

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