Vijayadashami Symbolizes the Victory of Good Over Evil- Chief Minister

करवा चौथ का पर्व इस साल 17 अक्टूबर को आज मनाया जा रहा है।

Chandigarh: 17-10-2019

करवा चौथ का पर्व इस साल 17 अक्टूबर को आज मनाया जा रहा है।

महिलाएं इस दिन मंगल व रोहिणी नक्षत्र में पति की दीघार्यु की कामना करेंगी। यह संयोग 70 साल बाद आया है।

इस साल व्रत की समयाविधि भी करीब 14 घंटे की रहेगी।  करवा चौथ का व्रत इस वर्ष 17 अक्टूबर को है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 70 सालों बाद बन रहा शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बेहद मंगलकारी रहेगा।

करवा चौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला तो करवा और दूसरा चौथ। जिसमें करवा का मतलब मिट्टी के बरतन और चौथ यानि चतुर्थी है।

इस दिन मिट्टी के पात्र यानी करवों की पूजा का विशेष महत्व है। करवाचौथ के मौके पर महिलाएं व युवतियों मेहंदी लगवाती हैं।

चतुर्थी को दिनभर व्रत करने के बाद शाम को 16 श्रृंगार से सजकर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और भगवान गणेश की पूजा करती हैं। 

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अनुच्छेद 370: कश्मीर से पांच दिन में 2 हजार टन सेब की आपूर्ति रुकी, सेबों के जरिए लोगों में जहर घोलने की साजिश

केंद्र सरकार के द्वारा जब से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 (Article 370) को निरस्त किया गया है तब से ही आतंकी और अलगाववादी संगठनों की हताशा साफ झलक रही है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच दिन से कश्मीर बंद है। इसका सबसे ज्यादा असर कश्मीर के सेब पर पड़ा है।

पिछले पांच दिन में कश्मीर से जम्मू और अन्य राज्यों में होने वाली 2 हजार टन सेब की आपूर्ति रुक गई है। इससे सेब के कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। खासकर दूसरे राज्यों के कारोबारियों को, जो सेब के पकने से पहले ही कश्मीर के व्यापारियों से सेब के बगीचे खरीद लेते हैं। सेब कश्मीर में तोड़ा भी नहीं जा पा रहा।

भरतपुर के ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाने के बाद अब आतंकी और अलगाववादी संगठनों ने नई चाल चली है। लोगों के बीच जहर घोलने के लिए आतंकी और अलगाववादियों ने सेबों का सहारा लिया है।

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