सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

आम आदमी पार्टी के पंचकूला विधानसभा से उम्मीदवार योगेश्वर शर्मा का कहना है कि वह और उनकी पार्टी यह चुनाव स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी, बिजली, पानी, किसानों व जवानों इत्यादि के मुद्दों को लेकर लड़ेगी।

पंचकूला,22 सितंबर-

आम आदमी पार्टी के पंचकूला विधानसभा से उम्मीदवार योगेश्वर शर्मा का कहना है कि वह और उनकी पार्टी यह चुनाव स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी, बिजली, पानी, किसानों व जवानों इत्यादि के मुद्दों को लेकर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने जिस तरह से भारी रुकावटों के बावजूद दिल्ली में पिछले करीब पांच सालों में अभूतपूर्व काम करके दिखाये हैं, उसी प्रकार हरियाणा में भी करने की बात करके प्रदेश की जनता से वोट मांगेगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस चुनाव में पूरे दमखम से लड़ेगी तथा जनता के बीच भाजपा द्वारा पिछले चुनावों के दौरान किये गये वायदों को लेकर जाएगी तथा इनसे पूछेगी कि इन्होंने पिछले पांच सालों में इनमें से कितने वायदे पूरे किये हैं?पंचकूला विधानसभा से अपनी टिकट की घोषणा होने के बाद आज यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता पिछले करीब साढ़े चार साल तक तो कुंभकरण की नींद सोते रहे।

तब उस दौरान उन्हें यह भी याद नहीं आया कि उन्होंने व उनकी पार्टी ने पंचकूला व हरियाणा की जनता से कुछ वायदे भी कर रखे हैं। मगर अब जब उन्हें लगा कि चुनाव की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है तो उन्हें पंचकूला व प्रदेेश के लोगों की याद हो आई। इसके बाद उन्होंने शिलान्यासों का सिलसिला शुरु कर दिया। योगेश्वर शर्मा ने कहा कि यदि यही काम सही समय पर शुरु किया होता तो अब तक लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा होता।

उन्होंने कहा कि साल 2014 में चुनावों में भाजपा ने प्रदेश के लोगों को रोजगार देने, किसानों को स्वामीनाथन की रिपोर्ट का लाभ देने,महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार खत्म करने, उच्च शिक्षा के लिए नये आयाम देने, स्वास्थ्य में सुधार करने जैसी अनेकों बातें कही थीं। मगर सत्ता में आते ही वे ये सब भूल गये। 

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सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन।

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से मेला ग्राउंड, शालीमार माल के पास, सेक्टर 5 पंचकूला में 15 से 21 सितम्बर तक सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया। अंतिम दिवस यजमान के रूप विधिवत पूजन बॉयोटेक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के एमडी एम एल बंसल सपरिवार, तसमेड के एमडी हरजिंदर सिंह सपरिवार, मैक्स हॉस्पिटल मोहाली से चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर दीपक भसीन सपरिवार एवं गुप्ता बैंकर्स से ऋषि जीवन सपरिवार द्वारा किया गया। अंतिम दिवस कथा का शुभारंभ बलबीर सिंह सिद्दू स्वास्थ मंत्री, पंजाब सरकार, जितेंद्र शर्मा, आई .एफ.एस., चीफ प्रिंसिपल कंसर्वटर ऑफ फॉरेस्ट पंजाब, जीवन जिंदल एमडी रिवेरडेल अपार्टमेंट्स, विजय गर्ग डायरेक्टर रिवेरडेल अपार्टमेंट्स, डॉक्टर अत्रि सीनियर सर्जन सरकारी हॉस्पिटल सेक्टर 32 चंडीगढ़ एवं प्रवीण गोयल एमडी सौरव केमिकल्स ने प्रभु की पावन ज्योति को प्रज्वलित कर के किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सप्तम दिवस में विदुषी सुश्री कालिंदी भारती जी ने रूकमणी विवाह के प्रसंग का उल्लेख किया। इस प्रसंग में उन्होनें रूकमणी रूपी जीवात्मा का अपने प्रभु प्रियतम के प्रति विरह दर्शाया। साथ ही, यह भी प्रकट किया गया कि कैसे इस आत्मा की पुकार पर वह परम आत्मा प्रभु उसे समस्त बंधनों से स्वतंत्र कर अपने कभी न टूटने वाले प्रणय-सूत्रें मे बांध लेते हैं। कथा का समापन करते हुए विदुषी जी ने कहा कि राजा परीक्षित, भय व असुरक्षा से ग्रस्त हैं, जिसके समक्ष हर क्षण मौत मुँह बाए खड़ी थी। फिर भी परीक्षित की मुक्ति केवल हरि चर्चा या कृष्ण लीलाओं को श्रवण करने मात्र से नहीं हुई थी, अपितु पूर्ण गुरु श्री शुकदेव जी महाराज के द्वारा प्रभु के तत्व रूप को अपने अंदर जान लेने पर हुई थी। भगवान कृष्ण ने अर्जुन का मोह व मोहजनित संशय नष्ट करने हेतु भी उसे यही कहा था- ‘दिव्यं ददामि ते चक्षु पश्यमेयोगमैश्वरम अर्थात् मैं तुझे दिव्य चक्षु प्रदान करता हूँ। दिव्य चक्षु से परमात्मा के शाश्वत स्वरूप का दर्शन करते ही उसकी समस्त दुर्बलताएँ ऐसे विलीन हो गईं।


अंत में, साध्वी जी ने बताया कि आज दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर असंख्य लोगों ने परीक्षित की ही तरह मुक्ति के मार्ग को पाया है। इस प्रकार संस्थान आज विश्व शांति, बंधुत्व व एकता की स्थापना की ओर बढ़ रहा है। संस्थान व आयोजकों की ओर से भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के आयोजन व उसमें भारी संख्या में समिलित होने के लिए क्षेत्रवासियों का धन्यवाद करते हुए भागवताचार्या महामनस्विनी साध्वी कालिंदी भारती जी ने कहा कि क्षेत्र निवासियों का यह सहयोग चिरस्मरणीय रहेगा। संस्थान सभी को ब्रह्मज्ञान प्राप्ति हेतु आमंत्रित करता है व भविष्य में ऐसे ही सहयोग की अभिलाषा करता है।


इस कथा की मार्मिकता व रोचकता से प्रभावित होकर अपार जनसमूह के साथ-साथ शहर के विशिष्ट नागरिक भी इन कथा प्रसंगों को श्रवण करने के लिए पधारे। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में भाव विभोर करने वाले मधुर संगीत से ओत-प्रोत भजन संकीर्तन को श्रवण कर भक्त श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर झूमने को मजबूर हो गए। कथा को विराम प्रभु की पावन आरती द्वारा दिया गया। प्रभु की पावन आरती में महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 2 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 4 पंचकूला के सभी सदस्य, सनातन धर्म मन्दिर सभा सेक्टर 10 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मंडलखाटू श्याम कमेटी जीरकपुर के सभी सदस्य, सनातन धर्म मन्दिर सभा सेक्टर 38 वेस्ट चंडीगढ़ के सभी सदस्य सेक्टर 10 पंचकूला के सभी सदस्य, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ससेक्टर 9 के सभी सदस्य, श्री शिव मंदिर कमेटी सेक्टर 21 पंचकूला के सभी सदस्य एव महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 8 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मण्डल रघुनाथ मन्दिर ससेक्टर 15 पंचकूला के सभी सदस्य, राधा माधव मन्दिर सेक्टर 4 के सभी सदस्य, प्रेम मन्दिर सेक्टर 4 पंचकूला के सभी सदस्य विशेष रूप से समिलित हुए।

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सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

जूनो तबेई माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली जापानी महिला थीं, और इस महाद्वीप पर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली पहली महिला भी थीं।

1939 में जन्मे, जुको ताबेई की परवरिश जापान के फुकुशिमा प्रान्त के एक छोटे से शहर मिहारू में हुई थी। चढ़ाई से उसका प्यार तब शुरू हुआ, जब 10 साल की उम्र में वह माउंट नासू की एक क्लास ट्रिप पर गई।

1969 में दो की माँ के रूप में, उन्होंने जापान के पहले लेडीज़ क्लाइम्बिंग क्लब की स्थापना की जो इस धारणा को धता बताने के लिए था कि महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए।

1975 में, Junko Tabei माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं। हालाँकि, उसे दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले 36 वें व्यक्ति के रूप में याद किया जाना पसंद है।

“मैंने एवरेस्ट पर पहली महिला होने का इरादा नहीं किया,” उसने एक बार कहा था।

सफलतापूर्वक शिखर पर चढ़ने के बाद, उन्हें जापान के सम्राट, क्राउन प्रिंस और राजकुमारी द्वारा सम्मानित किया गया।

जुनको ताबेई पहाड़ पर चढ़ने वाले मीडिया ध्यान से अधिक प्यार करते हैं। एवरेस्ट के बाद, वह प्रत्येक महाद्वीप पर उच्चतम चोटी पर चढ़ने के लिए चली गई – एकॉनकागुआ, डेनाली, किलिमंजारो, विंसन, एल्ब्रस और पुणक जया।

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