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सभी राजनैतिक दल चुनाव आदर्श आचार संहिता का सख्ती से करें पालन-उपायुक्त

पंचकूला, 11 मार्च-

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह ने सभी राजनैतिक दलों को चुनाव आदर्श आचार संहिता का इमानदारी व सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। चुनाव प्रचार में कहीं पर भी चुनाव आयोग के निर्देशों की अवेहलना पाये जाने पर सख्त कार्रवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने बताया कि चुनाव संहिता के उल्लघन सम्बन्धी कोई भी शिकायत चुनाव आयोग द्वारा तैयार किये गये मोबाईल एप पर भी की जा सकती है ।

उपायुक्त आज जिला सचिवालय के मिटिंग हाॅल में राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों तथा अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में छठे चरण में मतदान होगा और इसके लिये नोटिफिकेशन 16 अप्रैल को होगी और नामांकन पत्र 23 अप्रैल तक दाखिल किये जा सकते है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिये मतदान 12 मई को होगा और मतगणना 23 मई को की जायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाता जिन्होंने अभी तक अपना वोट नहीं बनवाया है, वे 2 अप्रैल तक फार्म नंबर 6 भरकर अपना वोट बनवा सकते है। उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी ऐसे मतदाताओं को वोट बनवाने के लिये प्रेरित करने में सहयोग करना का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मतदाता अपनी वोट से सम्बन्धित जानकारी हैल्प लाईन नं0 1950 पर प्राप्त कर सकता है। इस हैल्प लाईन नं0 पर चुनाव से सम्बन्धित शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल ऐसी कोई भी कार्रवाही न करें, जिससे लोगों की धार्मिक व सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पंहुचे। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना, चुनाव प्रचार के लिये किसी धार्मिक स्थान का प्रयोग करना भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। चुनाव प्रचार के लिये रैली, जनसभा, रोड शो और जलूस इत्यादि के आयोजन के लिये राजनैतिक दलों को जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी और इसकी सूचना पुलिस को भी देनी होगी। 

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये होर्डिंग्स, पोस्टर और झंडे इत्यादि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही लगाये जा सकते है और बिना अनुमति के किसी भी सरकारी संपति पर यह सामग्री चिपकाने व लगाने की स्थिति में संबंधित उम्मीदवार और राजनैतिक दल के विरूद्ध डिफेसमैंट आॅफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों की निजी संपति और भवनों पर झंडे लगाने व प्रचार सामग्री चस्पा करने से पहले भी  लिखित अनुमति लेना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल दूसरे राजनैतिक दल की जनसभा व जलूस में बाधा नहीं डाल सकता। यदि एक ही दिन में दो या उससे अधिक पार्टीयों द्वारा जलूस निकाला जाता है तो उन्हें अपने रूट प्लान सहित प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि जो भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी जनसभा, जलूस निकालने अथवा प्रचार सामग्री इत्यादी चिपकाने के स्थानों के लिये पहले आवेदन करेगा, उसे ही पहले अनुमति दी जाये। 

उपायुक्त ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह निर्देश भी दिये कि वे चुनाव प्रचार व जनसभा में लाउड स्पीकर इत्यादि का प्रयोग करने के लिये भी प्रशासन से पूर्व अनुमति अवश्य लें। उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहनों की भी अनुमति लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को धन, शराब, उपहार व अन्य प्रकार के प्रलोभन देना चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान धन व शराब के गैर कानूनी प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिये दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्लाइंग्स स्क्वायर्ड गठित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन टीमों द्वारा न केवल गैर कानूनी गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी  बल्कि ऐसा कोई मामला ध्यान में आने पर पूरी कार्यवाही की विडियो ग्राफी भी की जायेगी। 

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह,एसडीएम पंकज सेतिया,कालका के एसडीएम मनीता मलिक,नगराधीश गगनदीप सिंह व अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधी मोैजूद रहे ।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कार समारोह में कई हस्तियां सम्मानित

नई दिल्ली:

 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को एक पद्म विभूषण, आठ पद्म भूषण और 46 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मनित किया।

हालांकि राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में आठ लोग अनुपस्थित रहे।

पुरस्कार वितरण समारोह में पद्म विभूषण के लिए महाराष्ट्र के प्रसिद्ध रंगमंच के व्यक्तित्व और इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे उर्फ बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे के अलावा सात पद्मश्री से सम्मानित होने वाली हस्तियां गैर-हाजिर रहीं। इनमें कनाडा के कादर खान(मरणोपरांत) को (कला), गुजरात की ज्योति मानशंकर(कला), त्रिपुरा के थंगा दरलोंग(कला), अमेरिका के डॉ सुभाष काक(विज्ञान और इंजीनियरिंग), उत्तर प्रदेश के रमेश बाबा महाराज(सामाज सेवा), फ्रांस की मिलिना साल्विनी (कला), गुजरात के पत्रकार नागिदास संघवी(साहित्य और शिक्षा) सहित कुल सात लोग अनुपस्थित रहे।

पद्म विभूषण (1)
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध रंगमंच के व्यक्तित्व और इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे उर्फ बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे। 

पद्म भूषण (8)
अमेरिका के जॉन चेम्बर्स को व्यापार और उद्योग के लिए, पंजाब के सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा को समाज सेवा, दक्षिण अफ्रीका के प्रवीण जमनादास गोरधन को समाज सेवा, केरल के विश्वनाथन मोहनलाल को कला क्षेत्र, पश्चिम बंगाल के बुधादित्य मुखर्जी को कला, झारखंड के करिया मुंडा को समाज सेवा, दिल्ली से पत्रकार कुलदीप नय्यर(मरणोपरांत) को साहित्य और शिक्षा क्षेत्र और बिहार के हुकुमदेव नारायण यादव को समाज सेवा के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया।

पद्मश्री (46)
शरत कमल, खेल(टेबल टेनिस), तमिलनाडु; बंगारू आदिगलर, अध्यात्मवाद, तमिलनाडु; प्रो. इलियास अली, चिकित्सा, असम; प्रो. दिलीप कुमार चक्रवर्ती, पुरातत्व, दिल्ली; डॉ मम्मीन चांडी, चिकित्सा, पश्चिम बंगाल; मुक्ताबेन पंकज कुमार दागली, सामाजिक कार्य, गुजरात; बाबूलाल दहिया, कृषि, मध्य प्रदेश; थांगा डारलोंग, कला (संगीत, बांसुरी) त्रिपुरा;
प्रभु देवा, कला, तमिलनाडु; भागीरथी देवी, सार्वजनिक मामलों, बिहार; डॉ बलदेव सिंह ढिल्लों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, पंजाब; हरिका द्रोणावल्ली, खेल, आंध्र प्रदेश; प्रो संदीप गुलेरिया, चिकित्सा, दिल्ली; डॉ पी.एस. हार्डिया, चिकित्सा, मध्य प्रदेश; बुलू इमाम, सामाजिक कार्य, झारखंड; डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर, सिविल सेवा, दिल्ली; कदामपुत्रमादोम गोपालन थन्थरी जयन, कला, केरल; अमेरिका, डॉ रजनी कांत, सामाजिक कार्य, उत्तर प्रदेश; प्रो वामन केंद्रे, कला, महाराष्ट्र; रवींद्र देवराओ कोल्हे और डॉ स्मिता रवींद्र कोल्हे(जोड़ी), चिकित्सा, महाराष्ट्र; राज कुमारी, कृषि, बिहार; वल्लभभाई वासराभाई मारवानिया, कृषि, गुजरात; प्रो शादाब मोहम्मद, चिकित्सा, उत्तर प्रदेश; प्रो.(डॉ) श्यामा प्रसाद मुखर्जी, चिकित्सा, झारखंड;

शंकर महादेवन नारायण, कला, महाराष्ट्र; शांतनु नारायण, व्यापार और उद्योग, अमेरिका; जगदीश प्रसाद पारीक, कृषि, राजस्थान; डॉ बिमल हसमुख पटेल, आर्किटेक्चर, गुजरात; गणपत आई पटेल, साहित्य और शिक्षा, अमेरिका; बजरंग पुनिया, खेल, हरियाणा; डॉ आर.वी. रमानी, चिकित्सा, तमिलनाडु; यदलापल्ली वेंकटेश्वर राव, कृषि, आंध्र प्रदेश; महेश शर्मा, सामाजिक कार्य, मध्य प्रदेश; नरेंद्र सिंह, पशुपालन, हरियाणा; आनंदन शिवमणि, कला, तमिलनाडु; ब्रह्मश्री विशुद्धानंद स्वामी, अध्यात्मवाद, केरल; अजय ठाकुर, खेल, हिमाचल प्रदेश; जमुना टुडू, सामाजिक कार्य, झारखंड; राम शरण वर्मा, कृषि, उत्तर प्रदेश मौजूद रहे। 

इसके अलावा कनाडा के कादर खान (मरणोपरांत) को (कला), गुजरात की ज्योति मानशंकर (कला), त्रिपुरा के थंगा दरलोंग (कला), अमेरिका के डॉ. सुभाष काक (विज्ञान और इंजीनियरिंग), उत्तर प्रदेश के रमेश बाबा महाराज (सामाज सेवा), फ्रांस की मिलिना साल्विनी (कला), गुजरात के पत्रकार नागिदास संघवी (साहित्य और शिक्षा) सहित कुल सात लोग अनुपस्थित रहे।

केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए कुल 112 नामों की घोषणा की थी।

इन पुरस्कार विजेताओं के पहले समूह को आज यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में आमंत्रित किया गया था।

पुरस्कार विजेताओं के दूसरे समूह को पुरस्कारों प्रदान करने के लिए दूसरा समारोह 16 मार्च को आयोजित होगा।

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Shiv chalisa

॥दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

॥चौपाई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान। अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

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आदेशों की अवेहलना करने पर संबंधित प्रिंटिंग प्रेस संचालक के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाही की जायेगी – उपायुक्त

पंचकूला, 11 मार्च-

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह ने जिला में उपस्थित सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिये है कि उन्हें किसी भी प्रकार की चुनाव सामग्री प्रकाशित करते समय सामग्री के नीचे प्रकाशक का नाम स्पष्ट रूप से लिखना होगा। 

उन्होंने बताया कि पिं्रटिंग प्रेस संचालक को चुनाव संबंधित छापी गई प्रत्येक सामग्री की एक प्रति उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करवानी होगी। यह प्रति रिप्रजैंटटिव आॅफ पिपल एक्ट धारा-127ए(2) के तहत जमा करवानी होगी। उन्होंने बताया कि इन आदेशों की अवेहलना करने पर संबंधित प्रिंटिंग प्रेस संचालक के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाही की जायेगी और उसका लाईंसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। 

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दिल्ली : विकास भवन में शॉटसर्किट की वजह से लगी आग

दिल्ली:

दिल्ली में एक बार फिर आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है।

खबर है कि दिल्ली के विकास भवन में आग लग गई है।

यह आग विकास भवन की छठी मंजिल पर लगी है।

घटना की जानकारी मिलते ही दमकल की 3 गाड़िया मौके पर पहुंच गई हैं।

आग पर काबू पानी का प्रयास जारी है। यह आग शॉर्टि सर्किट की वजह से लगी है। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

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समझौता ब्लास्ट मामले में पंचकूला एनआइए कोर्ट में सोमवार को सुनवाई

पंचकूला:

पानीपत के बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट मामले में पंचकूला एनआइए कोर्ट में सोमवार को सुनवाई शुरू हो गई है। दोपहर बाद बड़ा फैसला आ सकता है।

ब्लास्ट मामले में पंचकूला की विशेष एनआइए कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है।

मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी विशेष एनआईए कोर्ट में पेश हुए। एनआइए कोर्ट ने पिछली तारीख पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट मामले में सोमवार को फैसला सुना सकती है।

18 फरवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच हफ्ते में दो दिन चलने वाली ट्रेन संख्या 4001 अप अटारी (समझौता) एक्सप्रेस में दो आईईडी धमाके हुए जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी।

यह हादसा रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ।

धमाकों की वजह से ट्रेन में आग लग गई और इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल 68 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हुए।

19 फरवरी को जीआरपी व एसआईटी हरियाणा पुलिस ने मामले को दर्ज किया और करीब ढाई साल के बाद इस घटना की जांच का जिम्मा 29 जुलाई 2010 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को सौंपा गया था। एनआइए की टीम ने हर तथ्य का बारीकी से अध्ययन किया और अदालत में हर सबूत पेश किया। 

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पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी

गुवाहाटी:

 पेट्रोल की कीमतों में सोमवार को भी लगातार तीसरे बढ़ोत्तरी जारी है जबकि डीजल की कीमत में कमी दर्ज की गई है। 

गुवाहाटी में सोमवार को पेट्रोल की कीमत में 06 पैसे की बढ़ोत्तरी के साथ 72.02 पैसे हो गई है।

जबकि डीजल की कीमत 10 पैसे की कमी के साथ 67.99 पैसे हो गई है। 

वहीं फरवरी माह में भी पेट्रोल व डीजल के दामों में पूरे माह उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा।

जबकि मार्च माह की शुरुआत भी कीमतों में उछाल के साथ हुई है। वो अभी भी जारी है।

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पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड आतंकी सज्जाद मारा गया

दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में रविवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया।

आतंकियों की शिनाख्त हो गई है। इनमें एक पाकिस्तान का आतंकी मारा गया है, जबकि एक आतंकी सज्जाद है।

आपको बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सज्जाद की कार का ही इस्तेमाल किया गया था।

मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। उनके पास से मिले सामानों से आतंकियों के जैश से जुड़े होने की पुष्टि हुई है। 

पुलिस के अनुसार, रविवार को सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।

इसके बाद त्राल के पिंग्लिश क्षेत्र की सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। 

पुलिस के अनुसार, रविवार को सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।

इसके बाद त्राल के पिंग्लिश क्षेत्र की सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। 

मुठभेड़ शुरू होने के बाद मौके पर स्थानीय युवा एकत्र हो गए उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया।

सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग कर भीड़ को मौके से खदेड़ दिया।

इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

अभी तक दो ही आतंकियों के शव बरामद किए गए हैं।

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हनुमान चालीसा पाठ से होने वाले लाभ

सम्पूर्ण हनुमान चालीसा के पाठ में हनुमान जी की शक्तियों का वर्णन किया गया है |

इस पाठ के माध्यम से ही हम हनुमान जी की आराधना करने के साथ-साथ उन्हें उनकी शक्तियों का भी स्मरण कराते है जिससे वे शीघ्र प्रसन्न होकर हमें फलीभूत करते है |

कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं

हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए |

इसलिए जितना शीघ्र हो सके आप इसे याद कर ले |

सुबह का एक समय निश्चित कर प्रतिदिन उसी समय पर हनुमान चालीसा का पाठ करे |

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहन लें.

– अपना मुंह पूर्व दिशा में या दक्षिण दिशा में रखकर लाल आसन पर बैठें.

– हनुमान जी की फोटो को पूर्व या दक्षिण दिशा में लाल वस्त्र बिछाकर रखें.

– गाय के घी या तिल के तेल का दिया जलाएं और एक लोटे में जल भरकर रखें और हनुमान जी के सामने 3 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें.

– गुड़ या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.

– ऐसा लगातार 11 मंगलवार करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है.

हनुमान जी के ऐसे मंदिर जहाँ हनुमान जी को चौला चढ़ाया जाता हो, उस मंदिर में जाकर हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिन्दूर एक डिब्बी में घर ले आये अब डिब्बी में और सिन्दूर व थोडा चमेली का तेल मिलाकर रखे ले

रोजाना पूजा पर बैठते समय सबसे पहले हनुमान जी का ध्यान करते हुए इस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करे |

लाल या पीले वस्त्र धारण कर लाल ऊनी आसन बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठ जाये साथ में एक लौटे में जल और प्रसाद रूप में कुछ मीठा रखे |

अब चमेली के तेल का दीपक प्रज्वल्लित करे |

पानी के लौटे को हनुमान जी की प्रतिमा के सम्मुख रखकर आदरपूर्वक उन्हें ग्रहण करने को कहे |

अब थोड़े मीठे को भोग स्वरुप उनकी प्रतिमा के आगे रखे

किसी भी घोर संकट से निकलने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदायी माना गया है | इसके अतिरिक्त मनोकामना पूर्ति हेतु व भविष्य को सुरक्षित बनाने हेतु भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है |

हनुमान चालीसा

दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। 

चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। 

रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। 

महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।। 

कंचन बरन बिराज सुबेसा।कानन कुंडल कुंचित केसा।। 

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।कांधे मूंज जनेऊ साजै। 

संकर सुवन केसरीनंदन।तेज प्रताप महा जग बन्दन।। 

विद्यावान गुनी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।। 

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।। 

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।बिकट रूप धरि लंक जरावा।। 

भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज संवारे।।

 लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। 

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। 

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। 

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।नारद सारद सहित अहीसा।। 

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। 

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राज पद दीन्हा।। 

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।लंकेस्वर भए सब जग जाना।। 

जुग सहस्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। 

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। 

राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डर ना।। 

आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक तें कांपै।। 

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।। 

नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

 संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

 सब पर राम तपस्वी राजा।तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।सोइ अमित जीवन फल पावै।। 

चारों जुग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।

 साधु-संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।अस बर दीन जानकी माता।। 

राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।। 

तुम्हरे भजन राम को पावै।जनम-जनम के दुख बिसरावै।। 

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। 

और देवता चित्त न धरई।हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।। 

संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। 

जै जै जै हनुमान गोसाईं।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। 

जो सत बार पाठ कर कोई।छूटहि बंदि महा सुख होई।। 

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।होय सिद्धि साखी गौरीसा।। 

तुलसीदास सदा हरि चेरा।कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।  

दोहा :पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।


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देवी मां के नवरात्रे 2019….

देवी मां

देवी मां के नवरात्रे

6 अप्रेल 2019 से नवरात्रि प्रारंभ

14 अप्रैल 2019 नवरात्रि समापन

साल 2019 में होने वाले त्यौहारों के बारे में हर कोई जान लेना चाहता है।

हर साल की तरह साल 2019 में भी बहुत से तीज-त्यौहार होंगे ही।

नवरात्रि साल में चार बार आते हैं, जिनमें से दो (चैत्र नवरात्रि 2019 और शारदीय नवरात्रि 2019) को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

नौ दिन उपवास के बाद नवमी या दसवीं पूजन किया जाता है जिसमें कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। 

नवरात्रि में नौ दिनों देवी मां के अलग-अलग नौ रुपों की पूजा की जाती है। 

संपूर्ण भारतवर्ष में नवरात्रि प्रमुख पर्व है।

1.  माँ शैलपुत्री

2.  माँ ब्रह्मचारिणी

3.  माँ चंद्रघण्टा

4.  माँ कूष्मांडा

5.  माँ स्कंद माता

6.  माँ कात्यायनी

7.  माँ कालरात्रि

8.  माँ महागौरी

9.  माँ सिद्धिदात्री

इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।

वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ को मिलाकर चार नवरात्र आते हैं। इनमें से चैत्र और आश्विन माह के नवरात्रि अधिक लोकप्रिय हैं।