राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाया गया।

हरियाणा फैडरेशन ऑफ इंजीनियर्स के प्रतिनिधिमंडल ने की जनस्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात रोहतक मामले में अधिकारियों पर दर्ज हुए मुकदमें वापिस लेने की मांग



सिरसा।

बैठक में हिस्सा लेते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभिंयता और कार्यकारी अभिंयता

फैडरेशन की मांग पर मुख्यमंत्री ने दिए मामले की दोबारा जांच के आदेश

हरियाणा फैडरेशन ऑफ इंजीनियर्स की बैठक पंचकूला में हुई जिसमें रोहतक में सीवरमैनों के साथ हुए हादसे के बाद जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर को रद्व करने की मांग को लेकर रणनीति बनाई गई। इस बैठक में फैडरेशन के जनस्वास्थ्य विभाग विंग से संबंधित 52 अधीक्षण अभिंयताओं और कार्यकारी अभिंयताओं ने हिस्सा लिया और बैठक के बाद जनस्वास्थ्य मंत्री डा.बनवारी लाल से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखी। यह जानकारी देते हुए फैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष आर.के.शर्मा ने बताया कि उन्होने जनस्वास्थ्य विभाग के मंत्री डा.बनवारी लाल के समक्ष अपनी बात रखी जिसके बाद जनस्वास्थ्य मंत्री ने खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर उनके समक्ष सारा मामला रख दिया है और मुख्यमंत्री ने भी इस मामले की दोबारा से जांच करवाने के आदेश दे दिए है। फैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष आरके शर्मा ने कहा कि अगर सरकार इस तरह से अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी तो हमारा साफ संदेश है कि अधिकारी बैठकों में हिस्सा लेने की बजाय सीवरों पर ही बैठ जाएगें।

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उन्होने कहा कि रोहतक मामले को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सीवर और एस-सी,एस-टी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन ये मुकदमा सीवर का बनता ही नही है क्योकि यह घटना सीवर की नही बल्कि पम्प चैम्बर की वॉल फेल होने से हुई है। यह मुकदमा केवल ज्यादा मुआवजा लेने के लिए बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सीवरमैन पम्प चैम्बर की सफाई कर रहे थे और चैम्बर में उतरने के लिए सीढिय़ा लगी हुई होती है और पीछे से किसी दूसरे व्यक्ति ने वॉल खोल दिया,जिसके कारण ये हादसा हो गया। उन्होने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ ये मुकदमा सरकार ने विपक्ष के दबाव में आकर बनाया है जबकि इसमें अधिकारियों का तो कोई दोष है ही नही,इस पूरे मामले में अगर किसी पर कोई कार्यवाही बनती भी है तो वो वर्क सुपरवाईजर पर होनी चाहिए ना कि अधिकारियों पर।उन्होने कहा कि अधिकारियों पर हुई इस एफआईआर से पूरे हरियाणाभर के अधिकारियों में रोष है और अगर इस तरह से पुलिस अधिकारियों पर नाजायज एफआईआर दर्ज करेगी तो पूरे हरियाणा भर में सीवर और पानी की व्यवस्था को चलाना मुश्किल हो जाएगा।

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