सेहत के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है करेला
करेला स्वाद में भले ही कड़वा हो लेकिन सेहत के लिए यह किसी टॉनिक से कम नहीं हैं।
इसका रंग हरा होता है इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं।
इसके अंदर बीज होते हैं। यह अपने स्वाद के कारण काफी प्रसिद्ध है।
इसका स्वाद बहुत कडुवा होता है इसलिए प्रायः कडुवे (बुरे) स्वभाव वाले व्यक्ति की तुलना करेले से कर दी जाती है।
करेले में ऐसे तत्व मौजूद हैं जो कि हमारे लिए बहुत लाभदायक है।
इसके सेवन या इसका जूस पीने से कई बीमारियों की संभावनाओं को खत्म किया जा सकता है।
कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए करेला सहायक होता है।
इसका जूस पीने और इसके गुदे को पानी में उबालकर पीने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसे बहुत-सी दवाईयों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
महिलाओं में हिमोग्लोबिन की समस्या बहुत ही आम हैं लेकिन आयरन से भरपूर सब्जियों का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं।
दिन में एक बार करेले की सब्जी खाने या इसका जूस पीने से हीमोग्लोबिन की कमी को दूर किया जा सकता हैं। साथ ही खून भी साफ होता है।
टाइप 4 डायबिटीज के मरीजों के लिए करेले का जूस पीना बहुत ही फायदेमंद है।
इंसुलिन की उचित मात्रा न होने पर ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है
जो टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं।
करेला का जूस ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
भूख कम लगने या नहीं लगने की समस्या है तो करेले का सेवन उसके लिए फायदेमंद साबित होगा।
करेले के जूस को रोजाना पीने या करेले की सब्जी खाने से पाचन क्रिया सही रहती है, जिससे भूख बढ़ती है।
डायबिटीज के रोगियों को एक चौथाई कप करेले के रस में इतना ही गाजर का रस मिलाकर पिलाना चाहिए।
इससे ब्लड शुगर का लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है। सुबह के समय करेला का जूस पीना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
करेले में मोमर्सिडीन और चैराटिन जैसे एंटी-हाइपर ग्लेसेमिक तत्व पाए जाते हैं।
करेले का रस तीनों दोषों अर्थात वात पित्त और कफ दोष का नाश करता है।
स्माल पॉक्स, चिकिन पॉक्स तथा खसरे जैसे रोगों में करेले को उबाल कर रोगी को खिलाया जाता है।
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