*गुटका, पान मसाला के निर्माण, भंडारण व बिक्री पर 1 साल तक रहेगा बैन - उपायुक्त*

सिरसा की नई अनाज मंडी में श्री गुरू नानक देव जी के 550 साला प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रदेश के कोने-कोने से आई संगत को संबोधित कर रहे थे। – मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल

सिरसा, 04 अगस्त।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि संस्कारों के बिना सभी प्रकार की शिक्षाएं व्यर्थ हैं और जब तक हम महापुरुषों के संपर्क या उनके बताए हुए उपदेशों व शिक्षाओं पर नहीं चलते तब तक हमारी शिक्षा व्यर्थ है। इन्हीं महापुरूषों का संदेश देने के लिए हरियाणा सरकार ने पिछले पांच वर्षों में महापुरुषों की जयंतियां सरकारी तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। श्री मनोहर लाल रविवार को सिरसा की नई अनाज मंडी में श्री गुरू नानक देव जी के 550 साला प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रदेश के कोने-कोने से आई संगत को संबोधित कर रहे थे। 


         मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा धर्मगुरूओं की एक ऐतिहासिक नगरी रही है जहां सिखों के सभी दस गुरुओं ने यहां पर चालिसा अर्थात 40 दिन यहां बिताए हैं। श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने यहां के गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में चार महीने 13 दिन बिताए थे। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की मांग पर गुरुद्वारा चिल्ला साहिब की लगभग 77 कनाल लजूर भूमि जो सरकार के नाम है को सरकार की नीति के अनुसार गुरुद्वारा के नाम करने की घोषणा की। इसके अलावा जितनी भूमि का उपयोग गुरुद्वारा गुरु घर के लिए करेगा उसको छोडकऱ शेष जमीन पर लोक भलाई के लिए चलाई जाने वाली संस्थानों के लिए सरकार की ओर से आवश्यक अनुदान देने की घोषणा भी की। 


मुख्यमंत्री ने सिरसा व उसके आस-पास के पंजाबी बाहुल्य जिलों में पंजाबी अध्यापकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की घोषणा की। इसके लिए लगभग 400 पदों का विज्ञापन आज या कल में जारी कर दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में सिख गुरुओं के नाम से एक संग्रहालय बनवाने की घोषणा की। संग्रहालय में सिख गुरुओं के बलिदान व इतिहासकारों द्वारा लिखे गए लेखों की जानकारी उपलब्ध होगी ताकि युवा पीढ़ी को महापुरुषों से प्रेरणा मिल सके। 


मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सिरसा में सिख समाज के लिए लगभग एक एकड़ जमीन धर्मशाला बनवाने के लिए सिरसा के उपायुक्त को जमीन तलाशने के निर्देश भी दिए। उन्होंने हरियाणा से होकर पंजाब व राजस्थान सीमा तक जा रहे श्री गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग पर उनके नाम के साईन बोर्ड लगवाने की घोषणा की। इसके अलावा समारोह में रखी गई सभी मांगों पर सहानुभूतिपुवर्क विचार करने का आश्वासन दिया। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का खजाना केवल सिख समाज के लिए ही नहीं खुला है बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए खुला है। सरकार का काम जनता के मौलिक कामों को ठीक करना है। पिछले पांच वर्षों में हमने अधिकारियों के द्वारा सरकारी फंड पर लगाए जाने वाले टांके के वहम को खत्म किया है। मुख्यमंत्री ने कैथल में स्थापित की गई संत चूड़ामणि भाई संतोख सिंह की प्रतिमा का अनावरण रिमोट से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी महाराज ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज को एकता में जोडऩे व भाईचारा बनाए रखने का उस समय संदेश दिया था जब देश में गुलामी का दौर था और विदेशी आक्रांता भारतीय समाज को कमजोर करने में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि बाद में इसी प्रथा को आगे बढ़ाते हुए सिख गुरु गोबिंद सिंह दरा उत्तर भारत के राज्यों में मुगलों से लड़ाई के लिए बीर बंदा बहादुर को सेनापति बनाकर सेना का गठन किया था और बीर बंदा बहादुर सिंह के नेतृत्व में यमुनानगर के निकट लोहगढ़ को अपनी राजधानी बनाया और मुगलों से डटकर लड़े। सरकार ने बीर बंदा बहादुर की स्मृति में लोहगढ़ को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है और वहां पर मार्शल आर्ट स्कूल खोला जा रहा है और बाबा बंदा सिंह बहादुर व उसकी सेना से जुड़ी शस्त्र व अन्य चीजों को सहेजने के लिए एक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है और इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया जाएगा। इस अवसर पर सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों की अगुवाई में श्री गुरु नानक देव जी महाराज पर विशेष रूप से तैयार की गई दो वृत चित्र भी प्रदर्शित किए गए जिसकी उपस्थित साध-संगत ने भूरी-भूरी प्रशंसा की और मंच संचालक जत्थेदारों ने भी श्री सरों का इसके लिए विशेष आभार व्यक्त किया। 


 इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरू नानक देव जी के जीवन पर दिल्ली प्राकृतिक विज्ञान संस्थान द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर लगाए गए रक्तदान शिविर में भी मुख्यमंत्री स्वेच्छा से रक्तदान दे रहे युवाओं से भी मिले। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए गुरु के लंगर का छका। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महापुरुषों ने सदैव हमें सच के लिए झूठ के खिलाफ लडऩे तथा न्याय के लिए अन्याय के खिलाफ लडऩे का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम व रावण के बीच का युद्ध भी बुराई के खिलाफ न्याय का युद्ध था। उन्होंने कहा कि हम हर वर्ष रामलीला के बाद रावण का बुराई के प्रतीक के तौर पर दहन करते हैं और जो हमें न्याय के साथ खड़ा होने व अन्याय के खिलाफ लडऩे का संदेश देता है। 

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श्री मनोहर लाल ने कहा कि इसी प्रकार महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों का साथ भी इसीलिए दिया था क्योंकि कौरवों को अन्याय का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि जब-जब समाज में न्याय के लिए अन्याय के खिलाफ लडऩे की जरूरत होगी वे तब-तब इस सृष्टि में किसी न किसी अवतार के रूप में जन्म लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का काम अच्छाई करने का है बुराई का नहीं। लोकतंत्र में जनता का काम अच्छाई का साथ देने का होता है और यह अवसर उन्हें हर पांच वर्ष बाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 से 25 वर्षों के दौरान प्रदेश में स्वार्थ की राजनीति होती रही और जनता की भलाई से उनका कोई लेना-देना नहीं था। अपना घर, अपना स्वार्थ, अपना परिवार ,अपना क्षेत्र व अपनी जाति उनके लिए सर्वोपरि रही है। विकास के नाते सडक़, स्कूल या अन्य आधारभूत संरचना विकसित करना सरकार के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। जनता का पैसा ही सरकार को इस काम में लगाना होता है। केवल निष्ठा व पारदर्शी तरीके से काम करने की इच्छाशक्ति सरकार के पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वे शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा को अपना प्रमुख एजेंडे में रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ-सबका विकास का नारा देकर जातिवाद से उपर उठकर भाईचारा प्रेम व एकता के साथ करने का संदेश हमें दिया था। उन्होंने कहा कि वे पूरे हरियाणा को अपना परिवार मानते हैं। गरीब की मदद करना पहले हमारा फर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने कहा था कि नानक नाम चढ़ती कलां, जननी जामा सबका भला। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह महापुरुषों की जयंतियां सरकारी तौर पर मनाना जारी रखेंगे। 
उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के 350 साला पर करनाल में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में की गई घोषणाओं को लगभग पूरा कर दिया है जिनमें मानव चौक से जाने वाली सडक़ का नाम माता गुजरी कौर के नाम करने, अंबाला में माता गुजरी कौर के नाम से वीएलडीए महाविद्यालय खोलना प्रमुख है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पटना साहिब तक दो विशेष ट्रेनें सिरसा व अंबाला से चलाई गई थी जिसकी घोषणा भी उसी समय की गई थी। उन्होंने कहा कि बनारस, अमृतसर व अन्य तीर्थ स्थलों पर जाने वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए रेलवे की द्वितीय श्रेणी में आरक्षित टिकट का आधा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा जिसकी घोषणा पिछले दिनों की गई है। बड़ी संख्या में उपस्थित भीड़ से गद्गद् मुख्यमंत्री ने लोगों की उपस्थिति की जानकारी आयोजकों से मांगी तो जिला उपायुक्त ने जानकारी दी कि तीन हजार बसें प्रदेश हर कोने से सिरसा आई हैं। इसके अलावा सैकड़ों लोग अपने निजी वाहनों से आए हैं। इस हिसाब से यह उपस्थिति लगभग दो लाख के करीब बनती है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सहयोग देने वाले सभी संस्थानों, गुरुद्वारों व समाज के अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया और उपस्थित लोगों को श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाशोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं दी। 


भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने पंजाबी भाषा में दिए गए अपने संबोधन में सभी उपस्थित साध संगत को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन एकता को बनाए रखने के लिए एक यादगार का दिन है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने महापुरुषों की जयंतियां सरकारी स्तर पर मनाने की एक निराली शुरूआत की है। विधायक बख्शीश सिंह विर्क ने भी मुख्यमंत्री का विशेष आभार व्यक्त किया जिन्होंने इससे पूर्व भी गुरु गोविंद सिंह के 350 साला को सरकारी तौर पर करनाल से मनाने की शुरूआत की थी और इसका समापन यमुनानगर में करवाया था। उन्होंने कहा कि 1947 के बाद किसी भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान में करतारपुर दरबार साहिब कॉरिडोर खोलने का मुद्दा नहीं उठाया लेकिन अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह कार्य आगे बढ़ा है।  समारोह को विभिन्न गुरुद्वारों से आए सिख संतों ने भी संबोधित किया। 


 इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्यमंत्री कर्ण देव कंबोज, विधायक सुभाष सुधा, डा. कमल गुप्ता व श्याम सिंह राणा, हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपड़़ा, हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन पवन बेनिवाल, हैफेड के चेयरमैन सुभाष कत्याल, जिलाध्यक्ष भाजपा यतिंद्र सिंह एडवोकेट, चेयरमैन आदित्य देवीलाल, सीडीएलयू सिरसा के कुलपति डा. विजय कायत, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के निदेशक गुरविंद्र सिंह धमीजा, उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग, पुलिस अधीक्षक डा. अरुण सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त मनदीप कौर, संयुक्त निदेशक पंकज सेतिया, पूर्व चेयरमैन रेणू शर्मा, गुरदेव सिंह राही, डा. वेद बेनिवाल, मार्केट कमेटी रानियां के चेयरमैन शीशपाल कंबोज, मार्केट कमेटी डबवाली के चेयरमैन बलदेव सिंह मांगेआना, मार्केट कमेटी ऐलनाबाद के चेयरमैन अमीर चंद मेहता, युवा भाजपा नेता अमन चोपड़ा, मुनीष सिंगला सहित, भाजपा नेत्री सुनीता सेतिया सहित, श्याम बजाज भारी संख्या में श्रद्घालु व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। साथ ही इस अवसर पर संत बाबा सेवानंद, संत बाबा प्रीतम सिंह मलड़ी, संत बाबा छोटा सिंह गंगा मस्ताना, संत बाबा मेजर सिंह कुंदन, संत बाबा दर्शन सिंह दादू, संत बाबा मान सिंह, संत बाबा गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, संत बाबा सुखदेव सिंह, संत बाबा चरणजीत सिंह, संत बाबा रागी अवतार सिंह, संत बाबा गुरपाल सिंह भी मौजूद थे। 

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