Centre for Human Rights and Duties, PU commemorated National Legal Services Day

सभा की बैठक में कई अहम मांगें,श्री हरमंदिर साहिब तक जाने वाले रास्तों को चौड़ा करने की मांग,साथ ही सिख विरासती मार्ग बनने की बात भी रखी

साधारण सभा की बैठक में कई अहम मांगें सरकार के सामने रखी गई।

एसजीपीसी की साधारण सभा ने बुर्ज अकाली बाबा फूला सिंह, गुरुद्वारा शहीद गंज बाबा दीप सिंह और सुल्तानविंड गेट से श्री हरमंदिर साहिब तक जाने वाले रास्तों को चौड़ा करने की मांग की है।

साथ ही सिख विरासती मार्ग बनने की बात भी रखी। साधारण सभा की बैठक में कई अहम मांगें सरकार के सामने रखी गई। शनिवार को बैठक में कहा गया कि मां बोली पंजाबी के साथ पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली समेत पंजाबी आबादी वाले इलाकों में भेदभाव हो रहा है।

यहां रहने वाले पंजाबी अपनी मां बोली से जुड़ें।देश की अलग-अलग जेलों में टाडा व अन्य काले कानून में नजरबंद निर्दोष सिखों की रिहाई के लिए भी केंद्र व प्रदेश सरकारों से अपील की गई।

साथ ही राजोआना की सजा को लेकर चल रहे केस का निपटारा करने के लिए भी केंद्र सरकार से गुहार लगाई गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश से बड़ी संख्या में नौजवानों का विदेशों में पलायन करना चिंता का विषय है।

इससे प्रदेश को नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसलिए इस पलायन को रोकने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाए।

एक अन्य प्रस्ताव में केंद्र और पाकिस्तान की सरकार से मांग की गई की श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 550वें प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण पूरा किया जाए।

एसजीपीसी गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दो देशों की सरकारों की सहमति से संगत की सुविधा के लिए हर संभव प्रबंध करने के लिए तैयार है। 

बैठक में सोशल मीडिया पर गुरु साहिबान व सिख योद्धाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करने व गलत ढंग से तस्वीरों को अपलोड करने की निंदा भी की गई।

केंद्र सरकार से मांग की गई कि सेंसर बोर्ड में एसजीपीसी का एक प्रतिनिधि शामिल किया जाए। केंद्र व अन्य प्रदेशों की सरकारें सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

एक अन्य प्रस्ताव में देश भर में आयोजित परीक्षाओं में सिख छात्रों को ककारों समेत बैठने की अनुमति दी जाए। केंद्र सरकार इस विषय की संवेदनशीलता को समझे।

विदेशी हवाई अड्डों में भी दस्तार की शान बरकरार रखने की अपील की गई।  

एक प्रस्ताव में दिल्ली दंगों में शामिल सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से दी गई सजा पर संतोष प्रकट किया गया।

इस प्रस्ताव में मांग की गई कि जगदीश टाइटलर व एमपी के मुख्यमंत्री कमल नाथ समेत अन्य को सजा दी जाए।

एक अन्य प्रस्ताव में श्री दरबार साहिब के रास्ते में पड़ती पान, बीड़ी, शराब और तंबाकू की दुकानें बंद करने की मांग की गई।

भाई लौंगोवाल ने कहा इन दुकानों के कारण श्री हरमंदिर साहिब आने वाले यात्रियों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले वीवीआईपी को अब उसी रास्ते से दर्शन करने होंगे, जहां से आम श्रद्धालु कई घंटे लाइन में लगकर इंतजार करने के बाद दर्शन कर पाते हैं।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने वीवीआईपी के लिए गुरुद्वारा इलाची बेर के साथ बनाए गए अलग रास्ते को बंद कर दिया है।

इस वीवीआईपी रास्ते से जब श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते थे तो उसी रास्ते के सामने खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के भीतर कहीं न कहीं हीन भावना आती थी।

इन वीवीआईपी को दर्शन करवाने के लिए एसजीपीसी कर्मचारी भी साथ होते थे। इस वजह से उनको श्रद्धालुओं की टिप्पणियां भी सुननी पड़ती थीं।

एसजीपीसी के इस निर्णय के बाद श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है।

श्री दरबार साहिब के मैनेजर जसविंदर सिंह दीनपुर ने बताया कि इस नई योजना से श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। आम श्रद्धालुओं को जहां पहले माथा टेकने के लिए डेढ़ घंटा लगता था, वहीं अब एक घंटे में ही बारी आ जाएगी।

छोटे बच्चों के साथ माथा टेकने के लिए आने वाली महिलाओं, बुजुर्गों को दर्शनी ड्योढ़ी से श्री हरमंदिर साहिब तक जाते बीच वाले रास्ते से ही भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि श्री हरमंदिर साहिब के हजूरी रागी सिंहों से भी आग्रह किया गया है कि वह भी अब बंद किए गए रास्ते का प्रयोग न करें।

रागी सिंह ड्यूटी शुरू होने से आधा घंटा पहले पहुंचकर श्रद्धालुओं के लिए बनी पंक्ति के रास्ते से ही मुख्य भवन तक पहुंचे। अब इलाची बेर रास्ते से दिव्यांग, चलने में असमर्थ बुजुर्गों को ही भेजा जाएगा।

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