Centre for Human Rights and Duties, PU commemorated National Legal Services Day

श्री गुरु नानक देव जी का 550वाँ प्रकाशोत्सव

आज 5/5/2019 को पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग एवं दयानन्द चेयर द्वारा श्री गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाशोत्सव मनाया गया। मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर अपना दार्शनिक मत प्रकट करते हुए भारतीय धर्म, लंगर प्रथा की ऐतिहासिकता, सिक्ख-धर्म की सेवा-शुश्रुषा एवं वाहे गुरु शब्द की व्युत्पत्ति बतायी। इस कार्यक्रम में आकर्षण के तीन मुख्य बिन्दु रहे  – 1. गुरु नानक देव जी के दर्शन एवं सिद्धान्तों पर हिन्दी, संस्कृत एवं पंजाबी भाषाओं में संवाद हुआ। 2. संस्कृत कवियों द्वारा लिखित गुरु नानक देव विषयक साहित्य का परिचय दियागया। 3. हिन्दी एवं संस्कृत में कविताओं द्वारा उनकी शिक्षाओं का वर्णन किया गया। प्रो. अलंकार ने नानकभास्वरोऽभात् शीर्षक से गुरु नानक देव के विराट् स्वरूप का आकलन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में शोधच्छात्रों ने अपने सारगर्भित विचार प्रकट किये और एम. ए के छात्रों ने हर्षोल्लास सहित भाग लिया। जहाँ हेमन्त और रामकुमार ने तथ्यात्मक बात कही वहाँ अंशुल ने ऐतिहासिक जानकारी दी। मनदीप ने पंजाबी भाषा में अपने विचार रखे तथा ऋचा ने संगीत के माध्यम से अपने उद्गार व्यक्त किये। सिक्ख दर्शन की समसामयिक आवश्यकता पर सभी ने प्रकाश डाला।

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