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शिक्षक स्वच्छता अभियान में भागीदारी कर सामाजिक दायित्व निभाएं : सुभाष चंद्र

सिरसा 8 नवंबर।

स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने स्वच्छता प्लास्टिक फ्री एवं जल संचय पर प्रधानाचार्यों की कार्यशाला को किया संबोधित


             हर कोई चाहता है कि उसके आस-पास का वातावरण स्वच्छ हो, किसी प्रकार की गंदगी ना हो लेकिन करने की दृढइच्छा किसी में नही। भले ही आज हम स्वच्छता के प्रति संकल्पित ना हो रहे हो, लेकिन एक दिन इसे हमें मजबूरीवश करना पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि आज ही हम इसे चुनौती के रूप में लेकर एक स्वच्छ प्रदेश व देश के निर्माण में भागीदार बनें और इस कार्य में शिक्षक अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


                 यह बात स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने सोमवार को स्थानीय पंचायत भवन में स्वच्छता प्लास्टिक फ्री एवं जल संचय पर आयोजित स्कूलों के प्रधानाचार्यों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में जिला के सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व प्रभारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान व डीपीएम से सुखविंद्र सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


                 श्री चंद्र ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में पर्यावरण असुंतलन चुनौती बन गई है और इसे निपटन के लिए सभी को साथ मिलकर काम करते हुए स्वच्छता के प्रति जागरूक होना होगा। इस कार्य में शिक्षक अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। जितने भी आंदोलन या अभियान सामजिक रूप से सफल हुए हैं, उनके पीछे शिक्षकों की अहम भागीदारी रही है। इसलिए शिक्षक स्वच्छता अभियान में अपनी अग्रणी हिस्सेदारी कर लोगों को साफ-सफाई व पानी संचय जैसे सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसके आसपास का वातावरण स्वच्छ रहे। लेकिन इस ओर कार्य करने की इच्छा उतनी नहीं है, जितनी अपेक्षित है। इसलिए सभी को संकल्प लेकर एक स्वच्छ प्रदेश व देश का निर्माण करना होगा।


                 उन्होंने कहा शिक्षक का शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्व भी होता है। इसलिए शिक्षक अपने स्कूलों के माध्यम से अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को साफ-सफाई, जल संचय व प्लास्टिक के प्रयोग न करने बारे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में कमेटियां गठित कर इस दिशा में प्रभावी रूप से कार्य किया जा सकता है। एक कमेटी स्वच्छता की बनाई जाए जोकि बच्चों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे। इसी प्रकार एक कमेटी जल संचय के लिए बनाई जाए, जो कि पानी बचत के बारे में गांव में स्कूली बच्चों द्वारा रैली आदि निकलवाकर लोगों को जागरूक करे।


                 जिला शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान ने मुख्यअतिथि व उपस्थित प्रधानाचार्यों का यहां पहुंचने पर धन्यवाद करते हुए कहा कि सिरसा हमेशा सामाजिक जागरूकता में आगे रहा है। इसका उदाहरण सिरसा का सबसे पहले ओडीएफ होना है। जिस प्रकार से खुल में शोच मुक्त अभियान को सफल बनाने में सिरसा अग्रणी रहा था, ठीक उसी प्रकार स्वच्छता में सिरसा अव्वल रहेगा और इसके लिए सभी मिलकर प्रयारत हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा के सभी स्कूलों में समय-समय पर स्वच्छता बोर प्रतियोगिताएं व रैलियां निकालकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।  

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