यासीन मलिक समेत 150 हिरासत में,कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवान तैनात होंगे
जम्मू-कश्मीर में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की 100 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 10 हजार जवान तैनात होंगे।
गृह मंत्रालय ने इसके लिए सर्कुलर जारी कर दिया है।
सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से इन कंपनियों को तैनात करने की जिम्मेदारी दी गई है।
यहां पुलिस और अर्ध सैन्य बलों हाई अलर्ट पर रखा गया है।
जवान राज्य में अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती का यह सर्कुलर गृहमंत्रालय की ओर से शुक्रवार शाम को जारी किया गया।
इसमें सीआरपीएफ की 45, बीएसएफ की 35 और एसएसबी व आईटीबीपी की 10-10 कंपनियां शामिल होंगी।
आमतौर पर एक पैरामिलिट्री कंपनी में 80 से 150 जवान होते हैं। इस तरह से 100 कंपनियों में करीब 10 हजार जवान होंगे।
पुलवामा में हुए सीआरपीएफ काफिले पर हमले को देखते हुए इन जवानों को एयरलिफ्ट कर श्रीनगर भेजा जाएगा।
यासीन मलिक और अब्दुल हमीद फयाज समेत अलगाववादी संगठनों के करीब 150 कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में भी लिया गया है।
जम्मू एवं कश्मीर के बाहर का व्यक्ति राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता।
35-ए के कारण ही पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थी अब भी राज्य के मौलिक अधिकार तथा अपनी पहचान से वंचित हैं।
जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे लोग जिनके पास स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं है, वे लोकसभा चुनाव में तो वोट दे सकते हैं लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दे सकते हैं।
यहां का नागरिक केवल वह ही माना जाएगा जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो या इससे पहले या इस दौरान यहां पहले ही संपत्ति हासिल कर रखी हो।
पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद से केंद्र और राज्य सरकार, अलगाववादियों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही हैं। अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाने के बाद अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 35A की सुनवाई से पहले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक और जमात-ए-इस्लामी संगठन के मुखिया अब्दुल हमीद फयाज और उसके करीब 150 सदस्यों को हिरासत में लिया गया।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!