मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला, बिल्डरों को बेची थी जमीन
मनेसार भूमि घोटाला मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोहरा बुधवार को पंचकुला में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुए। सुनवाई में आज आरोपी अतुल बंसल के कोर्ट में न पहुंचने के चलते आज भी नहीं हुई कोई कार्यवाही। कोर्ट ने अब मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 फरवरी दी है। सनद रहे की इससे पहले मई में सीबीआई कोर्ट ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को राहत देते हुए करोड़ों रूपये के मनेसार ज़मीन घोटाले में उन्हे जमानत दी थी।
मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला मामलें में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज कपिल राठी की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिसमे हुडडा के अलावा एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है। मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला को लेकर सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
एबीडबल्यू बिल्डर्स के अतुल बंसल की अनुपस्थिति ने कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करवाया। सनद रहे अतुल बंसल मनेसार ज़मीन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। आरोपी अतुल बंसल पिछली पेशी में भी अदालत में पेश नहीं हुए थे, जिस कारण उनके नॉन बेलेबल वारंट निकले गए थे। आज फिर अतुल बंसल के खिलाफ नॉन बेलेबले अरैस्ट वारंट जारी किए गए हैं,
दरअसल, हरियाणा के गुरुगरम जिले के मनेसार में ज़मीन घोटाले के मामले में सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में हुड्डा,वरिष्ठ नौकरशाहों व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज़ किया था। चार्जशीट में वरिष्ठ नौकरशाह छत्तर सिंह,, एस एस ढिल्लों और गुरुगरम की रियल इस्टेट कंपनी एबीडबल्यू बिल्द्र्स के प्रोमोटर अतुल बसन को शामिल किया गया था। तीनों अधिकारी हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावशाली प्रमुख सचिव थे। सीबीआई ने सितंबर 2015 में इस संबंध में मामला दर्ज़ किया था। आरोप था की निजी बिलदारों ने हरियाणा सरकार के साथ मिलीभगत कर गुरुगरम जिले के मनेसार, नौरंगपुर, लखनौला गांवों में किसानों और ज़मीन के मालिकों से 400 एकड़ ज़मीन बहुत कम दामों में खरीदी।
उस समय बेची गयी ज़मीन की कीमत 1600 करोड़ रुपये थी, लेकिन बिल्डरों ने इसे मात्र 100 करोड़ रुपए में खरीद लिया। यह ज़मीनें अगस्त 2004 से अगस्त 2007 के बीच खरीदी गईं। मुख्यमंत्री हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार मार्च 2005 से अक्तूबर 2014 तक हरियाणा में सत्ता में थी। सीबीआई का आरोप है की एबीडबल्यू बिल्द्र्स ने कांग्रेस के कार्यकाल में ज़मीन खरीदने का षड्यंत्र रचा।
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