Paras Health Panchkula Advocates Timely Intervention for Rare Cancers This Sarcoma Awareness Month

भगवान परशुराम भवन सैक्टर 37 सी चंडीगढ़ में श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा

चंडीगढ़:

For Detailed

भगवान परशुराम भवन सैक्टर 37 सी चंडीगढ़ में श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में आज विद्वान पंडित दाता राम मिश्रा जी ने बड़ी सरलता और निपुणता से धुंधकारी और गोकर्ण का प्रसंग सुनाया। रहस्य को सुलझाते हुए उन्होंने बताया कि धुंधकारी और गोकर्ण का जन्म कैसे हुआ। आत्मदेव और उनकी पत्नी धुंधली के कोई संतान नहीं थी। ऋषिदेव ने उन्हें फल देकर अपनी पत्नी को खिलाने को कहा। परंतु धुंधली ने उस फल को नहीं खाया और बिना अपने पति को बताए गाय को खिला दिया। धुंधली की बहन गर्भवती थी तो उसने अपनी बहन को संतानहीन देख कर अपना पुत्र उत्पन्न होते ही धुंधली को दे दिया। आयमदेव पुत्र पाकर बहुत प्रसन्न हुए और पुत्र का नाम धुंधकारी रख दिया। उधर आत्मदेव ने गौ के पास एक नवजात शिशु को देखा जिसकी आकृति मनुष्य तन सी थी पर कान गऊ के कान के समान थे। आत्मदेव और धुंधली ने दोनों पुत्रों का पालन पोषण किया। आत्मदेव ने गौ जैसे कानों वाले पुत्र का नाम गौकर्ण रख दिया।

call 9914976044


मंडपाचार्य पंडित दुर्गेश बिंजोला ने बड़ी कुशलता से मंच संचालन की भूमिका निभाई। श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ के अध्यक्ष पंडित डॉक्टर लाल बहादुर दुबे जी ने बताया कि कल निकाली गई सफल कलश यात्रा के परिणाम स्वरूप आज कथा में भर संख्या में श्रद्धालु श्रोतागण उपस्थित हुए। देवालय पूजक बी परिषद के महासचिव पंडित ओम प्रकाश शास्त्री जी ने बताया कि प्रातः 8 बजे से 11 बजे विशेष पूजन और पितृ दोष शांति के लिए तर्पण आदि विधि पूर्वक कराया गया। परिषद के मुख्य कोषाध्यक्ष पंडित देवी प्रसाद पेन्युली जी बताया कि आज कथा में मुख्य यजमान भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख श्री संजय टंडन जी उपस्थित रहे।