आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

फसल अवशेष प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतें राज्य स्तर पर होंगी पुरस्कृत : उपायुक्त

सिरसा, 8 अक्तूबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जो पंचायत फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में बेहतर प्रदर्शन करेंगी, उन पंचायतों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान वाली पंचायतें पुरस्कृत होंगी। अधिकारी जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तालमेल के साथ कार्य करें।
उपायुक्त वीरवार को लघुसचिवालय के 63 नंबर कमरा में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रोक को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इस दिशा में प्रदेश सरकार भी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस दिशा में कार्य करने बारे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसलिए अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के कार्य को प्राथमिकता से लेंं। इस कार्य में लापरवाही व कोताही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ नियमनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें और फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। प्रदेश सरकार ने ऐसी पंचायतें जो फसल अवशेषों को जलाने की बजाए उनके बेहतर प्रबंधन में अच्छा प्रदर्शन करेगीं, उन्हें जिला व राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसलिए ग्राम पंचायतें कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों के अधिक से अधिक इस्तेमाल बारे लोगों को प्रेरित करें।


पराली जलाने की घटना पर सेटेलाइट से होगी निगरानी :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने अधिकारियों से कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश व निगरानी के उद्ेश्य के लिए हरसेक द्वारा सेटेलाइट द्वारा पराली जलाने की घटना की इमेज लेकर संबंधित अधिकारी को मैसेज भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के पास मेसेज जाऐगा उनमें डीसी, एसडीएम, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, डीडीए, ग्राम सचिव व सरपंच शामिल हैं। जैसे ही संबंधित अधिकारी के पास मैसेज पहुंचेगा, ग्राम स्तर पर गठित कमेटी मौके पर जाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कमेटी मौके की वस्तु स्थिति की फोटो लेना भी सुनिश्चित करेगी।  उन्होंने कहा कि यह मैसेज हरसेक द्वारा दिन में दो बार प्रात: 3 बजे व सायं 3 बजे अधिकारी के फोन पर आएगा।

फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता करें सुनिश्चित :


उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों का शतप्रतिशत उपयोग हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक किया जाए कि इन कृषि उपकरणों से न केवल अवशेष प्रबंधन होता है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढती है। गांव में कस्टम हायरिंग सैंटर 80 प्रतिशत कृषि उपकरण लघु व सीमांत किसानों को उपलब्ध करवाएं, ताकि ऐसे किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन करना सुगम व आसान हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए अनुदान पर प्राप्त कृषि उपकरणों के बिल अपलोड की तिथि को भी बढा दिया गया है। अब 12 अक्तूबर तक बिल अपलोड किए जा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य को शतप्रतिशत करवाए जाने के दिशा-निर्देश दिए।


पराली बेल्स भंडारण के लिए गांव में जगह का करें चयन :


उपायुक्त ने संबंधित खंड विकास पंचायत अधिकारियों को कहा कि वे ग्राम पंचायत की दो या तीन एकड़ जगह का चयन करें। चिन्हित जगह पर पराली की बेल्स को एकत्रित किया जाएगा। बीडीपीओ जल्द से जल्द इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में एक अभियान चलाकर लोगों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता व इनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पराली न जलाने की घटनाओं पर निगरानी व लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर एडीओ, पटवारी व ग्राम सचिव की एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी गांव में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखें और इस संबंध में तुरंत कार्रवाई के लिए तत्पर रहें। इसके अलावा गांव स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।