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फसल अवशेष को जलाने पर जिलाधीश ने लगाया प्रतिबंध

सिरसा, 15 अप्रैल।

फसल के अवशेष जलाने पर रोक, धारा 144 लागू

जिलाधीश प्रभजोत सिंह ने दंड प्रक्रिया नियमावाली 1973 की धारा144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत आदेश पारित करके जिला सिरसा में तुरंत प्रभाव से गेहूं फसल की कटाई के बाद बचे अवशेष/भूसे को जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है।

आदेशों में कहा गया है कि जिला सिरसा की सीमा में गेहूं फसल की कटाई के बाद बची हुई अवशेष/भूसे को जलाने से उत्पन्न धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है जिससे आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। आगजनी होने पर सम्पत्ति तथा मानव जीवन को हानि की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त फसल की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से जिले में पशुओं के चारे की कमी होने की संभावना रहती है। भूसे/फसल के अवशेष को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के आदेश क्रमांक ओ.ए. नम्बर 118 ऑफ 2013 दिनांक 10 दिसंबर 2015 के आदेशानुसार फसल के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध हेतू निर्देश जारी किए गए हैं जिसके अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान है। हरियाणा सरकार द्वारा भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की कड़ाई से पालना हेतू निर्देश दिये गए हैं।

जिलाधीश प्रभजोत सिंह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि गेहूं की पराली व उनके अवशेषों को न जलाएं। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रक अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।

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