प्रेमचंद तो प्रेमचंद हैं, उनसा बनना कठिन है- प्रो. सुभाष चन्द्र
हिंदी-विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की इस अनूठी पहल की सराहना सम्पूर्ण भारत में हो रही है जहाँप्रत्येक माह किसी न किसी साहित्यकार की जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है| जिनका उद्देश्य साहित्यकारों की रचनाओं से जोड़ना तो है ही साथ ही उनके बहुमुखी व्यक्तित्व और जीवन संघर्ष को करीब से जानने का अवसर भी देना है|इसी कड़ी में विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 31 जुलाई को ‘प्रेमचंद जयंती समारोह’ का आयोजन किया जाता है| इस वर्ष भी 31 जुलाई,2024 को विभाग द्वारा विभाग के स्मार्ट क्लास रूम में प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य मेंविशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में प्रो. सुभाष चन्द्र (प्रोफेसेर, हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र) शामिल हुए|कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार सभ्रवाल ने सभी उपस्थित जन का स्वागत करते हुए मुख्यवक्ता एवं अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर किया| इसके बाद विभाग के एम. ए. द्वितीय के विद्यार्थी अभिषेक पाण्डेय ने ‘प्रेमचंद : व्यक्तित्व और कृतित्व’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये| इसके बाद एम. ए. द्वितीय के विद्यार्थी नारायण सिंह ने अपनी कविता के माध्यम से प्रेमचंद को याद किया, तत्पश्चात शोधार्थी रेखा मौर्या ने प्रेमचंद की वर्तमान प्रासंगिकता पर अपना वक्तव्य दिया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. सुभाष चन्द्र ने अपने वक्तव्य में प्रेमचंद द्वारा सामाजिक बदलाव की बड़ी भूमिकाओं से परिचय कराया| उन्होंने कार्यक्रम के मूल विषय ‘प्रेमचंद और वर्तमान समय’ को सारगर्भित रूप से व्याख्यायित किया । उन्हें हिंदी साहित्य का गाँधीवादी व्यक्तित्व बतलाते हुए उनके उपन्यास और कहानियों के लक्ष्यों पर लंबी चर्चा कीऔर कहा कि प्रेमचंद का साहित्य समन्वय की बड़ी कोशिश है| कार्यक्रम के अंत में प्रेमचंद चेयर के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नीरजा सूद और वर्तमान अध्यक्ष प्रो. बैजनाथ प्रसाद को विभाग द्वारा सम्मानित किया गया। अंत में विभागाध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर आए मुख्य अतिथि को सम्मानित कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में प्रो. गुरमीत सिंह (हिन्दी विभाग ), पंकज श्रीवास्तव (दर्शन शास्त्र), कुलविंदर सिंह (यू. बी. एस.), प्रो. नीरू, डॉ. हरमेल सिंह (सी. डी. ओ. ई.), डॉ. सुधीर मेहरा (अंग्रेजी विभाग) तथा प्रो. नरेश कुमार (एसोसिएट डी.एस.डब्ल्यू. ) ने कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम का संचालन एम. ए. द्वितीय के विद्यार्थी पवन कुमार ने किया।