प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के चलते असम और शेष पूर्वोत्तर घुसपैठ का सामना कर रहा है
असम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस की नीतियों के चलते असम और शेष पूर्वोत्तर घुसपैठ का सामना कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि चौकीदार के रूप में वह इस मुद्दे का हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जनसंघ और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे कद्दावर नेता थे, जिन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेश के समर्थन में अपनी आवाज उठाई थी।
उन्होंने असम के गोहपुर में दो चुनाव रैलियों को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस ने हमेशा ही असम के लोगों को छला है और यदि सरदार वल्लभभाई पटेल और असम के प्रथम मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई ने विभाजन के समय मजबूत रुख नहीं अख्तियार किया होता तो असम की पहचान वैसी नहीं रहती जैसा कि आज है।
मोदी ने विपक्षी गठबंधन को महामिलावट करार दिया। उन्होंने अहोम कमांडर लचित बारफुकन के इस ऐतिहासिक उद्धरण का जिक्र किया कि मामा या चाचा राष्ट्र से बड़े नहीं हैं।
मोदी ने इससे पहले मोरन में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोग भाजपा सरकार से खुश हैं लेकिन कांग्रेस और आतंकवादी काफी चिंतित हैं। पहली बार सरकार आतंकवादियों के घर में घुसी और उन पर हमला किया। लेकिन इससे सिर्फ दो तबका खुश नहीं है – वह कांग्रेस का परिवार और आतंकियों का दरबार है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार असम समझौता के प्रति प्रतिबद्ध है। असम समझौता में मार्च 1971 के बाद असम में आने वाले सभी अवैध प्रवासियों को वहां से बाहर करने का प्रावधान है, चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित क्यों ना हों। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग असम के लोगों, उसकी संस्कृति और हितों की सुरक्षा के लिये प्रयास कर रहे हैं। राजग छह समुदायों – टाई अहोम, मोटक, मोरन, शुटिया, कुशराजवंशी और साहजन गोष्ठी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’
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