नीतियों की सफलता के लिए सटीक आंकड़ों का संग्रहण और विश्लेषण अनिवार्य: मनोज कुमार गोयल
“किसी भी नीति या योजना की सफलता की नींव सटीक आंकड़ों के संग्रहण और उनके वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारित होती है। यदि आंकड़ों को व्यवस्थित ढंग से एकत्रित कर उनका गहन विश्लेषण किया जाए, तो योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सकता है।”
यह विचार हरियाणा सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी विश्लेषणविभाग के निदेशक श्री मनोज कुमार गोयल ने आज 19वें राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। वह पंचकूला स्थित योजना भवन में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
श्री गोयल ने कहा कि आंकड़ों के माध्यम से हम देश और प्रदेश की प्रगति की दिशा और दशा का मूल्यांकन कर सकते हैं। यदि आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर किसी योजना में कमियां सामने आती हैं, तो समय रहते उनमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र और हरियाणा को विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य में आंकड़े एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि इस दिशा में आंकड़ों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर उन्होंने भारत के महान सांख्यिकीविद् और अर्थशास्त्री प्रो. प्रशांत चंद्र माहालनोबिस को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि यह दिवस उनके उल्लेखनीय योगदान की स्मृति में मनाया जाता है। उन्हें भारत में सांख्यिकी विज्ञान का जनक माना जाता है। वर्ष 1950 में उन्होंने राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS) की स्थापना की, जिसने देश में सांख्यिकीय कार्यप्रणाली को नई दिशा प्रदान की। इस वर्ष सांख्यिकी दिवस की थीम “राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के 75 वर्ष” रखी गई है, ताकि उनके योगदान को रेखांकित किया जा सके।
समारोह के दौरान विभाग के अनुसंधान अधिकारियों ने विभिन्न शाखाओं के कार्यों पर प्रस्तुतियाँ दीं तथा राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण की 75 वर्षों की यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली सरकार की नीतियों और योजनाओं के निर्माण में उपयोगी आंकड़े प्रदान करती रही है।
इस अवसर पर विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश जालंधरा, उपनिदेशक महेंद्र सिंह, नरेश कुहाड़, लक्की अरोड़ा एवं जयवीर नरवाल ने भी अपने विचार साझा किए। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रो. माहालनोबिस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सांख्यिकी विज्ञान के प्रचार-प्रसार और सटीक आंकड़ों के महत्व पर बल दिया।
इस समारोह का उद्देश्य न केवल सांख्यिकी के महत्व को रेखांकित करना था, बल्कि युवा अधिकारियों को यह प्रेरणा देना भी था कि वे आंकड़ों के माध्यम से नीतियों के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र के सतत विकास में सांख्यिकी के प्रभावी उपयोग के संकल्प के साथ किया गया।