जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर में 16 महाविद्यालयों के 120 छात्र-छात्राओं व काउंसलर ने लिया भाग
सिरसा, 22 नवंबर।
भारतीय रैडक्रॉस सोसायटी की जिला शाखा द्वारा आयोजित किए जा रहे जिला स्तरीय यूथ रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डा. तेजा सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की।
प्राचार्य डा. तेजा सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए रैडक्रॉस के चिन्ह, पर्यावरण, स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में रैडक्रॉस चिन्ह जरूरतमंद लोगों के प्रति एक निष्पक्ष और गैर पक्षपातपूर्ण सेवा का प्रतीक रहा है। इस चिन्ह का इस्तेमाल किसी भी दशा में किसी भी तरह के फायदे के उद्देश्य से नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस चिन्ह का प्रयोग केवल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को सहायता प्रदान करने के लिए रैडक्रॉस के स्वयंसेवियों द्वारा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने पर बल दिया तथा युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य रहने के लिए फास्ट-फूड का त्याग कर अपने भोजन में हरी सब्जियों का उपयोग अत्यधिक करें।
जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि इस शिविर में जिला के 16 महाविद्यालयों से आए हुए 120 छात्र/छात्राएं व काउंसलर भाग ले रहे हैं। जिला रैडक्रॉस सोसायटी सिरसा के जिला प्रशिक्षण अधिकारी गुरमीत सिंह सैनी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण देकर डैमो के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाने हेतु एक कुशल प्राथमिक सहायक की समाज में अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल एक प्रशिक्षित कुशल प्राथमिक सहायक ही मौका पडऩे पर आपातकालीन स्थितियों में किसी रोगी/घायल व्यक्ति का जीवन बचाकर पुण्य का भागी बन सकता है जो कि अपने आप में बहुत ही बड़ी उपलब्धि है।
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