जब महिलाएं बिना दबाव के निर्णय लेने में सक्षम होगी तभी वास्तव में सशक्त होंगी-राकेश कुमार आर्या

जल संरक्षण के तहत गांव बणी में क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

सिरसा, 10 सितंबर।


                    पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत भाग जलमग्न है हम केवल 3 प्रतिशत जल का उपयोग ही कर सकते हैं जल के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जनसंख्या और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन होने से आज मनुष्य के सामने जल की भयंकर समस्या पैदा हो चुकी है।


                    यह बात खंड संसाधन संयोजक हरि सिंह भिंडासरा ने जल स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा ग्रामीण जल स्वच्छता समितियों की कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए गाव बणी के पंचायत सचिवालय में आयोजित क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहें। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकरण के तेजी से बढऩे के कारण वन विनाश ने जल संकट को बढ़ावा दिया है साथ ही मनुष्य द्वारा जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य ना करके, गलत आदतों के कारण पानी का दुरुपयोग करके जल संकट को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि यदि हमें आने वाली पीढी की चिंता है तो हमें वर्षा जल को इक_ा करके ज्यादा से ज्यादा धरती माता की गोद में डालना होगा अन्यथा हमारी आने वाली पीढिय़ों को पीने वाले पानी की भयंकर समस्या का सामना करना पड़ेगा।


                    खंड संसाधन संयोजक डॉ बलदेव राज ने कहा कि हमें इस विषय पर आज सोचना होगा कि जब हमारे समाज में शिक्षा नहीं थी  तब हमारे बुजुर्ग शुद्ध जल, शुद्ध हवा व  शुद्ध खाना खाते थे लेकिन आज हम सब लोग शिक्षित होने के बावजूद जल ,हवा , खाने को प्रदूषित कर रहे हैं। यह स्थिति आज हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस दिशा में जा रहे है। इस अवसर पर खंड संसाधन संयोजक प्रेम सहारण ने जल संरक्षण विषय पर बोलते हुए कहा कि आज हमारी पहुंच में पीने वाला पानी केवल 1 प्रतिशत से भी कम रह गया है जबकि भारत में इस धरती की 16 प्रतिशत जनसंख्या रहती है। उन्होंने कहा कि हमें खेती के लिए जमीन के पानी का कम से कम प्रयोग करना होगा और विकल्प खोजने होंगे दूसरा जल की कुप्रबंधन व्यवस्था को सुधारना होगा और भूमि में से जितना भूजल ट्यूबवेल  के माध्यम से निकाल कर रहे हैं उस मात्रा में भूमि मैं  वापिस मीठा जल डालना  होगा तभी जाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं।


                    इस अवसर पर खंड संयोजक स्वच्छ भारत मिशन बाज सिह ने कहा कि आज पीने वाले पानी में रसायनिक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक हो चुकी है उसके लिए कृषि में डालने वाले उर्वरक व कीटनाशक जिम्मेदार है और आज जिसके कारण हमारे पानी में जहर घुल गया है जिससे मानव शरीर को कैंसर जैसे भयानक रोग हो रहे हैं। इस मौके पर विभिन्न 12 गांवों के आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, अध्यापक, सरपंच, पंच व ग्रामीण जल स्वच्छता समिति के सदस्यगण उपस्थित हुए।

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