During the 5th Global Alumni meet on 21.12.2024, several Alumni from the Golden and silver batches as well as many others visited the Department of English and Cultural Studies.

ग्राम सचिव, पटवारी व सरपंच टीम भावना से काम करें : डीसी अशोक गर्ग

सिरसा, 30 अक्तूबर।

उपायुक्त ने धान की पराली को जलाने पर रोक लगाने के लिए ली पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक


              उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि धान की पराली जलाने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है अपितु मानव जीवन पर भी बूरा प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेष जलाने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म होती है बल्कि अनेक प्रकार की गंभीर श्वसन संबंधित बीमारियां पैदा होती है।


                  वे बुधवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला के समस्त सरपंचों, ग्राम सचिवों, नम्बरदारों, पटवारियों, कृषि विकास अधिकारी व विभिन्न गांवों के किसान की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद संयम गर्ग, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, सीटीएम कुलभूषण बंसल, डीआरओ राजेंद्र कुमार, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीपीओ सहित कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद थे।


                  उपायुक्त ने कहा कि ग्राम सचिव, पटवारी व सरपंच टीम भावना से काम करें तभी इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के साथ-साथ केन्द्र व राज्य सरकार इसे लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनेक कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं साथ ही इन पर सब्सिडी भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाने की बजाय इसका प्रयोग खाद के रूप में करेें ताकि भूमि की उपजाऊ शक्ति बढे।

पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए ग्राम स्तरीय कमेटियां गठित


                  उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम स्तरीय कमेटियां कड़ी नजर रखें यदि कोई भी फसल अवशेष जलाने का मामला सामने आता है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें। साथ ही किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि कहीं भी फसल अवशेष जलाने का मामला सामना आता है तो संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार जुर्माना व कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा, मंदिरों में मुनादी करवाकर किसानों में पराली न जलाने बारे संदेश दिया जाए।


                  इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा पीपीटी के माध्यम से पराली न जलाने बारे बारीकी जानकारी देते हुए जागरूक किया गया तथा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर दिए जा रहे यंत्रों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। सहायक कृषि अभियंता जसविंद्र सिंह चौहान ने कहा कि इन योजनाओं का फायदा उठाने के लिए किसान का ऑनलाईन पंजीकृत होना जरूरी है। यदि कोई भी ग्राम पंचायत इन कृषि यंत्रों को लाभ लेना चाहती है तो वे प्रस्ताव पास करके 10 लाख रुपये तक के कृषि यंत्र ले सकती है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों को भी सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों से संबंधित कोई जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वे मोबाईल नम्बर 70276-00146 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

किसान छिंद्रपाल ने बताए अपने अनुभव :


                  इस मौके पर किसान छिंद्रपाल ने पराली न जलाने के अपने अनुभव के बारे में बताया। उल्लेखनीय है कि किसान छिंद्रपाल पिछले 6 वर्षों से पराली जलाने की बजाय खेत में ही मिला रहे हैं जिससे उनकी भूमि की उर्वरा शक्ति बढी और उनकी आय में भी वृद्घि हुई है। यदि कोई भी व्यक्ति किसान छिंद्रपाल ने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी लेना चाहता है तो वह उनके मोबाईल नम्बर 94163-52045 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

Watch This Video Till End….

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply