देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर एवं विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर- रामनाथ ठाकुर

‘गगन में थालÓ नाटक मेें दिखेगा गुरू नानक का जीवन चित्रण, प्रकाशोत्सव पर होगा आयोजन

सिरसा, 1 अगस्त।


गुरू नानक जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में जहां श्रद्धालु नानक जी की गुरबाणी से निहाल होंगे, वहीं रंग बिरंगी लाइटों व मधुर संगीत से रचाबसा ‘गगन में थालÓ नाटक की रंगत भी देखेंगे। यह मंचन 4 अगस्त को सुबह प्रदर्शनी स्थल और शाम को समारोह स्थल मंच पर लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 


उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने लाइट एंड साउंड कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि गुरू नानक देव जी के प्रकाशोत्सव समारोह को लेकर उच्च स्तर की तैयारियां की जा रही है। समारोह को भव्य व आकर्षित बनाने के उद्ेश्य से समारोह में 4 अगस्त को सुबह और सायं के समय लाइड एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन समारोह स्थल पर लगी प्रर्दशनी पर सुबह और मुख्य मंंच पर सांय को होगा। यह कार्यक्रम बड़ा ही प्रेरक व उपदेशक रहेगा, जिसमें गुरू नानक जी के जीवन का संजीव चित्रण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा।


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उन्होंने बताया कि लाइड एंड साउंड कार्यक्रम में ‘गगन में थालÓ नामक नाटक प्रस्तुत किया जाएगा। नाटक का आयोजन समारोह स्थल पर लगी प्रदर्शनी पर सुबह और मुख्य मंच पर सांय को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नाटक का निर्देशन केवल धालीवाल करेंगे। उनके निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटक में कुल 17 कलाकार (महिला व पुरूष)अलग-अलग किरदार निभाकर गुरू नानक जी के जीवन चित्रण को संजीव रूप देने का काम करेंगे। 

केवल धालीवाल के निर्देशन में 17 कलाकार देंगे प्रस्तुति


निर्देशक केवल धालीवाल ने नाटक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह नाटक पूरी तरह से गुरू नानक जी के जीवन चित्रण पर आधारित होगा, जोकि साध संगत के लिए बड़ा ही प्रेरणादायी सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि नाटक में जाने-माने 17 कलाकारों की टीम अपनी प्रस्तुति देगी,जिसमें महिला व पुरूष दोनों कलाकार होंगे। उन्होंने बताया कि नाटक में गुरू नानक जी के जन्म, एक ओंकार की शिक्षा, सच्चा सौदा, दा कॉन्सैप्ट ऑफ तेरा-तेरा, पंजा साहिब साखी, भूमिया चोर साखी, बाबर ऐपिसोड तथा गुरू नानक जी की करतारपुर साहिब की अंतिम यात्रा को बड़े ही सहज रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को इस नाटक को अवश्य ही देखना चाहिए, क्योंकि ऐसा अवसर बार-बार नहीं मिलता है। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर गुरू नानक जी के जीवन चित्रण को पर्दे पर देखने का सौभाग्य प्राप्त करें और उनके प्रेरणादायी उपदेशों को सुनने का लाभ उठाएं।

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