कोरोना वायरस : मानसिक परेशानी दूर करने के लिए मनोचिकित्सक फोन पर बता रहे हैं उपाय
मनोचिकित्सक डा. रविंद्र पुरी व डा. दलजीत सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के फैलाव व इसकी रोकथाम के मद्देनजर लॉकडाउन किया हुआ है और आमजन को घरों में रहने की हिदायत दी गई है, प्रशासन द्वारा लोगों की दैनिक सुविधाओं व खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किए गए हैं। मनोचिकित्सक ने बताया कि दिनभर घर में रहने व वायरस संबंधी खबरों से विचलित होना स्वाभाविक है जिससे कई बार व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। उन्होंने कहा कि नागरिक कोरोना वायरस के संबंध में भयभीत न हो और संयम रखते हुए लॉकडाउन की पालना में सहयोग करें। अफवाहों व भ्रामक प्रचार से बचते हुए घर में परिजनों व बच्चों का मनोबल बढ़ाएं। विशेषकर बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए कहते हुए कोरोना वायरस का हवाला न दें और प्यार से बच्चों को हाथ साफ करने के लिए करें। डा. पुरी व डा. दलजीत सिंह ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हम सब साथ हैं, लॉकडाउन के दौरान मानसिक परेशानी होने पर वे मनोचिकित्सक डॉ. रविंद्र पुरी (9416091610) व मनोवैज्ञानिक डॉ. दलजीत सिंह (9416289087) से फोन के माध्यम से नि:शुल्क परामर्श ले सकते हैं। कोई भी व्यक्ति प्रात: 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक उनके मोबाइल नम्बर पर अपनी परेशानी के बारे में बात कर सकतेे हैं।
अखबार व सब्जी से तो नहीं फैलता कोरोना, की आ रही हैं ज्यादा कॉल
मनोवैज्ञानिक डॉ. रविंद्र पुरी ने बताया कि उनके पास कोरोना वायरस के बारे में रोजाना 10 से 12 कॉल आ रही हैं। इनमें ज्यादातर कॉल ये होती है कि कोरोना वायरस सब्जी या अखबार के माध्यम से तो नहीं फैलता है। कई कॉल लोगों के कोरोना वायरस को लेकर मानसिक रूप से परेशानी को लेकर होती हैं। उन्होंने बताया कि जहां तक सब्जी या अखबार के माध्यम से कोरोना वायरस के फैलने की बात है, तो उसमें लोगों को यही सुझाव दिया जाता है कि बाहर से आने वाली कोई भी वस्तु या सामान उसमें सब्जी व अखबार भी शामिल है। इसमें सबसे पहले तो बाहर से आई वस्तु या सामान को थोड़ी देर तक रखें और उसके इस्तेमाल से पहले व बाद में हाथों को सैनेटाइजर या साबुन से अच्छी तरह सैनेटाइज जरूर करें। वैसे अभी तक अखबार या सब्जी के माध्यम से कोरोना के फैलने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। इसलिए लोग घबराएं नहीं और सावधानी बरतें। उन्होंने मानसिक परेशानी को दूर करने बारे सुझाव देते हुए बताया कि लोग अपना नजरिया बदलकर तनाव को दूर कर सकते हैं। लॉकडाउन के वक्त को छुट्टी की तरह इस्तेमाल करें। परिवार के साथ सकारात्मक संवाद करते हुए समय बिताएं और बच्चों के साथ खेलें। इसके अलावा धारावाहिक फिल्में देखें तथा भविष्य की प्लानिंग करें।
शुभचिंतकों से फोन पर बातें कर करें पुरानी यादें ताजा और सोशल डिस्टेंस का रखें ध्यान
दलजीत सिंह डा. दलजीत सिंह ने बताया कि उनके पास ज्यादातर कॉल कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर मानसिक परेशानी को दूर करने बारे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को यही सलाह देते हैं कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ सावधानियां बरतने और अपने परिवार का ध्यान रखने की आवश्यकता है। शुभचिंतकों से फोन के जरिये जुड़कर भी पुरानी यादों को ताजा करने के साथ ही संबंधों को फिर से एक ताजगी दे सकते हैं। उन्होंने कहा, अखबार-टीवी में और आस-पड़ोस में लोग सिर्फ कोरोना के बारे में बातें करते रहते हैं, जिसे सुन-सुन कर हम ऊब जाते हैं, इसलिए कुछ समय के लिए इससे हटकर बात करने की जरूरत है। मनोचिकित्सक ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव का मूलमंत्र जरूरी सावधानी बरतने के साथ ही सोशल डिस्टेनशिंग (सामाजिक दूरी) को बरकरार रखना है। इसके लिए जरूरी है कि जब तक वायरस का खतरा बरकरार है, तब तक न तो किसी के घर जाएं और न ही किसी को अपने घर पर बुलाएं। अगर आस-पड़ोस में किसी से बात करना बहुत ही जरूरी हो तो एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
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