ऑटो मार्केट प्लॉट वितरण मामला
सिरसा : ऑटो मार्केट में प्लॉट वितरण में हुए घोटाला मामले में सिरसा कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस मामले में आरोपी नगर परिषद् के तत्कालीन प्रशासक बीबी कौशिक, तत्कलीन कार्यकारी अधिकारी नेकी राम और लिपिक सतपाल को 3-3 साल की सजा और 17-17 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है. ये फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जरनैल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है. फ़िलहाल आरोपियों को जमानत भी मिल गई है.
दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्किट में ऑटो व्यवसाइयों को प्लॉट वितरित किये जाने थे. शर्त यह थी की 279 प्लॉट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी, जबकि 703 प्लॉट बिना लाभ हानि पर अलॉट किये जाने थे और ये प्लाट उनको दिए जाने थे जो ऑटो व्यवसाय से जुड़े हो.
सन 1995 में विजिलेंस को एक शिकायत प्राप्त हुई जिसमे कहा गया इस प्लॉट वितरण में घोटाला हुआ. मामले की जांच विजिलेंस ने की और जांच में सामने पाया की 400 से अधिक प्लॉट अपनी शक्तियों से बाहर जाकर मिलीभगत करते हुए अलॉट किये. इस मामले में प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर अधिकारियों ने प्लॉट आबंटित किये. जांच में पाया गया की ये प्लाट नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने निजी लोगो को दिए गए. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और आज इतने लम्बे समय बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.सरकारी वकील पीआर शर्मा ने बताया कि ऑटो मार्किट में प्लॉट वितरित करने के मामले में धोखाधड़ी की गई थी जिसकी विजिलेंस जांच में इन तीनों को आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों को तीन तीन साल की सजा सुनाई है साथ ही इन तीनों को 17 – 17 हजार का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि कोर्ट ने तीनों को मुचलके पर जमानत दे दी है
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