*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

खेल-संबंधी टखने और पैर के लिगामेंट की चोटों के इलाज में आई क्रांति

समय पर सटीक इलाज मिलने से खिलाडी कर रहे हैं खेल में बेहतर वापसी: डॉ. चंदन नारंग
अब किसी भी खिलाडी के प्रदर्शन में बाधा नहीं डालेगी खेल-संबंधी चोटें : डॉ. चंदन नारंग

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कुरूक्षेत्र, 10 अप्रैल (       ): खेल के दौरान खिलाड़ी को लगने वाली किसी भी तरह की हड्डी/लिगामेंट की चोट उसके कैरियर में अड़चन नहीं लाएगी, क्योंकि आर्थोपेडिक्स में आई तकनीकी क्रांति से अब किसी भी तरह की चोटिल हड्डी को शत-प्रतिशत ठीक किया जा सकता है। यह बात आज कुरुक्षेत्र में एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए जाने माने हड्डी रोग माहिर डॉ. चंदन नारंग ने कही, जो कि खेल के दौरान पैर संबंधी चोटों, पैर के फ्रैक्चर, मांसपेशियों के फटने, एड़ी में दर्द, सपाट पैर, टखने में मोच, टखने का गठिया, गोखरू, पैर में झुनझुनी या सुन्नता, असहाय पीड़ा, पैर, टखने के अंदरूनी हिस्से से लेकर तलवे तक जलन, टखने का फ्रैक्चर, पैर में अस्पष्टीकृत दर्दनाक सूजन, मधुमेह के कारण पैर का पुनर्निर्माण, पैर का गिरना (पैर उठाने में असमर्थता), टखने का विषुव, टखने के लिगामेंट का टूटना, बचपन के पैर की विकृति, क्लब पैर, और पैर से संबंधित कई अन्य चोटों के उपचार में आई नवीनतम उपचार तकनीकों संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के फुट एंड एंकल डिपार्टमेंट के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. चंदन नारंग ने बताया कि ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के अंतर्गत फुट एंड एंकल डिपार्टमेंट ने डिफॉर्मिटी करेक्शन सर्जरी के माध्यम से टखने (एंकल) और पैर के लिगामेंट की जटिल चोटों से पीड़ित कई खिलाड़ियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है, जो कि अब देश-विदेश में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एक 21 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी टखने और पैर के लिगामेंट की चोटों के कारण अपने खेल में सही प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था तथा जो खेल छोड़ने की कगार पर था। मरीज़ को तेज़ दर्द हो रहा था और उनकी गतिशीलता बुरी तरह प्रभावित हो गई थी। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय जांच में मरीज को क्रॉनिक एंकल इंस्टैबिलिटी (टखने का बार-बार मुड़ना) था, जिसके कारण टखने का बाहरी भाग (पार्श्व भाग) बार-बार मुड़ जाता था। यह स्थिति मुख्य रूप से टखने में बार-बार मोच आने के कारण बनती थी। डॉ. नारंग ने लेटरल एंकल लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन के माध्यम से मरीज का इलाज किया, जिसमें टखने के बाहर टखने के लिगामेंट को आंतरिक ब्रेस और पुनर्निर्माण के माध्यम से ठीक किया गया। सर्जरी के बाद अब कबड्डी खिलाड़ी ने खेल अभ्यास पुनः शुरू कर दिया है।

डॉ. चंदन नारंग ने बताया कि हड्डी रोग के उपचार में आई नई तकनीकी क्रांति से अब किसी भी चोटिल हड्डी ठीक की जा सकती है। ऐसा तभी संभव है, जब पीडि़त व्यक्ति को ऐसे अस्पताल में पहुंचाया जाए, जहां माहिर डाक्टरों के साथ-साथ उत्तम तकनीक उपलब्ध हो।

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