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करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत ने पाकिस्तान से कहा,5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति दे

पुलवामा आतंकी हमले के एक महीने बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच वीरवार को अधिकारी स्तर की बैठक हुई।

दोनों देशों इस बात पर सहमत हुए कि श्रद्धालुओं की एंट्री के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा।

भारतीय अधिकारियों ने प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए भेजे जाने पर जोर दिया।

इस दौरान भारत ने पाकिस्तान से करतारपुर गुरुद्वारे के लिए हर रोज 5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति देने की मांग की।

यह बैठक पंजाब के गुरदासपुर जिले और सीमा के उस पार करतारपुर साहिब के बीच श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर को खोलने पर चर्चा के लिए हुई। 

इसके अलावा यह प्रस्ताव भी दिया कि गुरु पर्वों और अन्य ऐतिहासिक दिवसों पर अलग से दस हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति और इस कॉरिडोर को पूरा साल खुला रखा जाए। 

बैठक में यह भी बात हुई कि भारत सरकार करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को देगी।

पाकिस्तान सरकार एक-दो दिन में उस पर अपनी अनुमति दे देगी। कोशिश रहेगी कि करतारपुर साहिब की यात्रा केवल पासपोर्ट से हो जाए।

वीजा और अन्य दस्तावेजों आदि की जरूरत न पड़े। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। 

अब 19 मार्च को दोनों देशों के तकनीक विशेषज्ञ डेरा बाबा नानक इंटरनेशनल बॉर्डर की जीरो रेखा पर करतारपुर साहिब के लिए बनाए जा रहे टर्मिनलों और अन्य निर्माण कार्यों की जांच करेंगे।

दोनों कॉरिडोर एक-दूसरे कैसे मिलेंगे, इस पर भी चर्चा होगी। दो अप्रैल को एक बार फिर दोनों देशों के अधिकारी पाकिस्तान वाघा बॉर्डर पर एक बैठक करेंगे।

इस बैठक में केवल पासपोर्ट के साथ यात्रा की अनुमति देने पर बातचीत होगी।

इस दौरान पाकिस्तानी शिष्टमंडल के मुखिया डॉ. मोहम्मद फैजल ने विश्वास दिलाया कि आतंकवादियों को श्री करतारपुर साहिब की पावन धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा।

भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि यह बैठक करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर थी। इस बैठक को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत न समझा जाए।

यह बैठक दिल्ली में नहीं, दोनों देशों को बांटने वली सीमा अटारी में हुई है। दोनों पक्षों के बीच पांच घंटे तक लगातार बातचीत हुई।

करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है।

रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किमी है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल के मुखिया गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तानी अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भारत सरकार की प्राथमिकता है।

भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आतंकी सरगना हाफिज सईद के साथी गोपाल चावला की बैठक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुरुद्वारे साहिब के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं की पवित्रता के साथ कोई भी समझौता नहीं होगा।

जिस श्रद्धा के साथ श्रद्धालु करतारपुर जाएंगे, उनकी आस्था को कोई भी चोट न पहुंचे। 

सुबह पाकिस्तान से 20 सदस्यीय शिष्टमंडल अटारी सीमा के रास्ते पहुंचा। इस शिष्टमंडल में तीन महिला अधिकारी भी शामिल थीं।

कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी अधिकारियों को अटारी सीमा से आईसीपी स्थित कांफ्रेंस हाल में ले जाया गया।


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