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मेरी कक्षा- मेरा गौरव अभियान के से नामांकन अभियान को मिलगा और बल- संध्या मलिक

अनुच्छेद 370: कश्मीर से पांच दिन में 2 हजार टन सेब की आपूर्ति रुकी, सेबों के जरिए लोगों में जहर घोलने की साजिश

केंद्र सरकार के द्वारा जब से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 (Article 370) को निरस्त किया गया है तब से ही आतंकी और अलगाववादी संगठनों की हताशा साफ झलक रही है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच दिन से कश्मीर बंद है। इसका सबसे ज्यादा असर कश्मीर के सेब पर पड़ा है।

पिछले पांच दिन में कश्मीर से जम्मू और अन्य राज्यों में होने वाली 2 हजार टन सेब की आपूर्ति रुक गई है। इससे सेब के कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। खासकर दूसरे राज्यों के कारोबारियों को, जो सेब के पकने से पहले ही कश्मीर के व्यापारियों से सेब के बगीचे खरीद लेते हैं। सेब कश्मीर में तोड़ा भी नहीं जा पा रहा।

भरतपुर के ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाने के बाद अब आतंकी और अलगाववादी संगठनों ने नई चाल चली है। लोगों के बीच जहर घोलने के लिए आतंकी और अलगाववादियों ने सेबों का सहारा लिया है।

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जम्मू-कश्मीर में मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त

बुधवार को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट मिग 21 हादसे का शिकार हो गया।

हादसे में विमान के पायलट के शहीद होने की ख़बर है। हादसा कैसे और क्यों हुआ इसकी फिलहाल जानकारी नहीं आई है। 

अभी हादसे की वजह का पता नहीं चल पाया है। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों का एक दल घटनास्थल पर पहुंच गया है।

जम्मू कश्मीर : 35A पर सुनवाई से पहले कश्मीर में अलगाववादियों की धरपकड़ से तनाव की स्थिति

जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी घटना के बाद से घाटी में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे वक्त में घाटी में हालात कुछ ठीक नहीं है। रविवार को अलगाववादी संगठनों ने बंद का ऐलान किया है। दूसरी तरफ अनुच्छेद 35ए पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। जिसकी वजह से घाटी में तनाव का माहौल बना हुआ है। सरकार ने सुनवाई से पहले अलगाववादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। जिसके विरोध में बंद बुलाया गया है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर में पुलिस और सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्र ने सुरक्षाबलों की 120 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में भेजा है। बता दें कि एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।  वहीं अलगाववादी नेता यासीन मलिक को देर रात गिरफ्तार किया गया।

कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10,000 जवान) कश्मीर घाटी भेजी गई हैं। 

जम्मू-कश्मीर के सोपोर में मुठभेड़ जारी

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों का हमला एक बार फिर शुरु हो गया है। अब बारामूला के सोपोर में सुरक्षबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। खबर है कि तीन आतंकियों को घेर लिया है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देर शाम बारामूला जिले के सोपोर में आतंकियों को घेर लिया गया था।

जिसके बाद इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार इस ऑपरेशन में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स और पैरा फोर्सेज के जवान हिस्सा ले रहे हैं। 

शुरुआती इनपुट्स के अनुसार, भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स को गुरुवार शाम सोपोर के वारपोरा इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने के इनपुट मिले थे।

इस सूचना पर राष्ट्रीय राइफल्स की टीम ने शाम करीब 7 बजे इलाके में एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया। इस बीच यहां एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। 

इसके बाद जवानों ने भी काउंटर फायरिंग शुरू करते हुए एक मकान को चारो ओर से घेर लिया। इसके बाद इलाके में तत्काल सीआरपीएफ और एसओजी की टीमों को भेजकर घेराबंदी की गई।

सूत्रों के अनुसार, इलाके में इंटरनेट सेवाओं को रोकते हुए सोपोर के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए पुलिस और सीआरपीएफ की टीमों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। 

इससे पहले शोपियां में सेना के कैंप के बाहर संदिग्ध गतिविधि देखी गई।इसके बाद कैंप के गेट पर तैनात संतरी ने फायरिंग की।

वहीं, LoC पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। गुरुवार को भी पुंछ में पाकिस्तान की ओर से गोले दागे गए।

सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया।संदिग्ध मूवमेंट के बाद यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों ने एक बड़ा सर्च अभियान शुरू किया था। 

आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़, मेजर समेत 4 जवानों के शहीद होने की खबर – पुलवामा

पुलवामा: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देश में गुस्सा बना हुआ है और इस बीच यहां आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। प्रारंभिक रूप से मिल रही जानकारी के अनुसार पुलवामा के पिंगलान इलाके में यह मुठभेड़ हो रही है। अब तक मुठभेड़ में एक मेजर समेत सुरक्षाबलों के चार जवान जवानों के शहीद होने की सूचना है। वहीं इस दौरान एक नागरिक के मारे जाने की सूचना है।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा सेक्टर के पिंगलान में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। वहीं सुरक्षाबलों को 2 से 3 आतंकी के छिपे होने की खबर मिली है। 

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान 4 जवान शहीद हो गए हैं। जिसमें एक मेजर भी शामिल है। इस मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक के घायल होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक, पुलवामा अटैक के बाद सुरक्षाबल के जवान एक्शन में दिख रहे हैं।

पुलवामा में सेना का सर्च ऑपरेशन भी जारी है। बीते रविवार को राज्य सरकार ने अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी। 

बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर सीआरपीएफ की एक बस को निशाना बनाया। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए तो वहीं दो दिन बाद नौशेरा सेक्टर में लैंडमाइन डिफ्यूज करते वक्त एक मेजर शहीद हो गए और जवान घायल हो गया। जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। खबर है कि भारत आतंकी संगठन जैश पर डोजियर तैयार कर रहा है। इस काम में खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जैश, आईएसआई और तहरीके-ए-तालिबान के खिलाफ डोजियर तैयार हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर पुलवामा हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पुलवामा हमले को लेकर 57 देशों ने कड़ी निंदा की है और आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत के समर्थन में भी खड़े हो गए हैं।  

पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल करने के लिए भारत ने अगले सप्ताह पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की पूर्ण सभा और वर्किंग ग्रुप बैठक में भी अन्य देशों पर दबाव बनाने की तैयारी की है। बता दें कि पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर नजर रखकर सचेत करने वाला संगठन है। 

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में पांच राजस्थान के हैं।

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले 40 सीआरपीएफ जवानों में से पांच राजस्थान के हैं। इन्हीं में से एक हैं, कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र स्थित विनोद कलां गांव के 43 वर्षीय हेमराज मीणा। उन्होंने करीब 18 साल पहले सीआरपीएफ में नौकरी शुरू की थी और 61वीं बटालियन में सेवा दे रहे थे। वह एक दिन पहले अपनी बटालियन में ड्यूटी पर पहुंचे थे। घर से विदा होने से पूर्व उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वह 20 दिन में वापस आएंगे। वह वापस तो चार दिन बाद ही पहुंच गए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।

मीडिया से बात करते हुए उनके बड़े भाई रामबिलास ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने से पहले हेमराज महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। ट्रेनिंग से लौटते वक्त सोमवार रात वह कुछ देर के लिए गांव आए थे। चंद घंटे घर पर बिताने के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे ही वह गांव से वापस लौट गए थे। बुधवार को ही वह जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। मंगलावर सुबह घर से निकलते वक्त हेमराज ने पत्नी से कहा था कि वह 20 दिन में वापस आ जाएंगे।

रामबिलास मीणा ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं खुद सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहता हूं। उनके पिता हरदयाल मीणा ने कहा कब तक हम आतंकी हमले सहन करते रहेंगे। हमारे सैनिक कब तक ऐसे शहीद होते रहेंगे। मुझे संतोष तब मिलेगा, जब भारत पाकिस्तान से इसका बदला लेगा। हेमराज तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं।

18 माह बाद उन्हें सेवानिवृत्त होना था। उनकी पत्नी मधुबाला ने बताया कि शादी के वक्त हेमराज सीआरपीएफ में नहीं थे। शादी के बाद उनकी नौकरी लगी थी। उन्होंने सोचा था सेवानिवृत्त होने के बाद खुशी-खुशी जीवन बिताएंगे, लेकिन क्या पता था कि महज 18 महीने की नौकरी में ऐसा दिन देखना पड़ेगा।

सिद्धू बोले, स्थायी समाधान के लिए हो बातचीत : पुलवामा हमला


चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि इस समस्या को स्थायी तौर पर हल करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने आतंकी हमले को निंदनीय और कायरतापूर्ण करार दिया। 

सिद्धू ने कहा, ‘आखिर कब तक हमारे जवान अपनी जान देते रहेंगे, हमें इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए बात करनी चाहिए’ उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, गालियां देने से कुछ नहीं होगा। पाकिस्तान पर नरम रुख दिखाते हुए सिद्धू ने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता और ना ही उनकी कोई जाति होती है।