Posts

मेरी कक्षा- मेरा गौरव अभियान के से नामांकन अभियान को मिलगा और बल- संध्या मलिक

सलाह परामर्श एवं कल्याण केंद्र की स्थापना, बच्चों को मनोवैज्ञानिक तौर से सशक्तबाल बनाने में होंगे कारगार

सिरसा 21 मई।

जिले के गांव डिंग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 60वें बाल सलाह परामर्श व कल्याण केन्द्र की स्थापना की गई है। केंद्र की स्थापना बच्चों को स्कूली स्तर पर पहुंचकर मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाओं का लाभ पहुंचाने के उद्ïेश्य से की गई है। इस अवसर पर बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल भी उपस्थित थी।

राज्य परियोजना  नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने बताया कि राज्य बाल कल्याण परिषद का उद्देश्य है कि हमारे राज्य के सभी बच्चे मनोवैज्ञानिक तौर से इतने सशक्त हों कि वह सही समय पर सही और गलत का निर्णय कर सके। इस कड़ी में सबसे पहले जरूरत है उन विभिन्न मुद्दों पर बच्चों को जागरूक करने की जो परिवर्तन व विकास की उम्र के दौरान घटित  होते है। इस अवसर पर मनोवैज्ञानिक परामर्श द्वारा ‘बाल शोषण के प्रभाव में कमीÓ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया। उपस्थित किशोरावस्था के बच्चों व उनके शिक्षकों को संबोधित करते हुए राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने बताया कि बाल शोषण जैसी घटनाएं किसी भी समाज को कलंकित वह चिन्तित करने वाली होती हैं। लेकिन चिन्ता करने मात्र से समाधान नहीं हो सकता जरूरत है समय रहते ही बच्चों को सावधान करने की। क्योंकि किसी भी घटना के पश्चात हम उन्हें सहारा देकर उनकी बाजू पकड़े, उससे बेहतर है कि उन्हें पूर्व में ही चेतावनी दी जाए। उन्हें जागरूक व सचेत किया जाए ताकि वे किसी भी अप्रिय घटना से बच सके सावधानी बरत सके, माता-पिता, अभिभावक व शिक्षक सामाजिक परिपेक्ष में घट रही ऐसी घटनाओं के सन्दर्भ में बच्चों को रोल प्ले, लघु नाटिका या फिर खेल-खेल में व किस्से-कहानियों के माध्यम से गुड-टच, बैड-टच, किसी अजनबी या फिर कोई पहचान वाला ही भले हो उसका बातचीत का तरीका, देखने का तरीका या छूने का तरीका कितना स य है या अस य है, यह व्यवहारिक ज्ञान अपने स्तर पर दें।


 बच्चों के साथ मन की बातें करना, उन्हें बोलने के अवसर देना, घर में एक ऐसा मित्रतापूर्ण वातावरण हो कि बच्चे बेझिझक जो देखा है जो उनकी समझ में आया है वह राय प्रकट कर सके। अपनी बातों को साझा करें तत्पश्चात अभिभावक धैर्यपूर्वक सुनकर उनका बेहतर समाधान निकालें और ऐसी सलाह दें जो बच्चे समझ सके तथा व्यवहारिक तौर से लागू कर सके। जब तक हम बच्चों को सुनेंगे नहीं, समझेंगे नहीं तो किसी भी समस्या के निदान में हम सहायक हो ही नहीं सकते। इसलिए बेहतर है कि अगर बाल शोषण जैसी घटनाओं में कमी लानी है, ऐसी घटनाओं की उपेक्षा करनी है तो निरन्तर परामर्श सेवाएं बनी रहनी चाहिए। सामुदायिक स्तर पर विभिन्न सामाजिक संगठन भी ऐसी पहल करें तो सराहनीय होगा।

इस अवसर पर  जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने कहा कि हर्ष का विषय कि सिरसा जिला में परामर्श सेवाओं की शुरुआत हो गयी है तथा जिले भर के बच्चों को निरन्तर लाभ मिलता रहेगा। कार्यक्रम के दौरान विशेष तौर से राज्य परियोजना संयोजक उदय चन्द्र समाजसेवी लाखन सिंह लोधी, प्रेम शर्मा सहायक व विश्वदीप भी उपस्थित रहे।