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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करें अधिकारी : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 06 जुलाई।

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उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि नीली क्रांति को बढ़ावा देने रोजगार सृजन के उद्देश्य से केंद्र प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियांवित की गई। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला श्रेणी के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों तक पहुंचे।


उपायुक्त मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में मत्स्य विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उपायुक्त ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में किए जाने वाले खर्च व किसानों को अनुदान प्रदान करने के लिए संबंधित योजनाओं के तहत किए जा रहे कार्यों की गहनता से समीक्षा की। इस अवसर पर उप निदेशक मत्स्य विभाग पवन कुमार, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र, एलडीएम पीएनबी सुनील कुकड़ेजा, मत्स्य अधिकारी बृजमोहन शर्मा, गांव रघुआना से मत्स्य पालक किसान गुरदीप सिंह मौजूद थे।

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उपायुक्त ने कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तथा दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी इच्छुक लोगों को प्रगतिशील मत्स्य पालक किसानों के फार्मों का दौरा करवाएं और मत्स्य पालन से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं व बारीकियों के बारे में विस्तार से जानकारी दे। इसके साथ-साथ कैंप लगा कर लोगों को मत्स्य पालन व्यवसाय से जुडऩे के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मत्स्य किसानों के लिए सामाजिक, भौतिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है। मत्स्य पालन व्यवसाय को बढावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, इन योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें।  बैठक में ताजा पानी में रियरिंग तालाब बनाना, ग्रो-आउट तालाब बनाना तथा इन दोनों तालाबों में किसानों को खाद्य खुराक पर अनुदान के खर्च बारे स्वीकृति प्रदान की गई।


उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला श्रेणी के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। मत्स्य पालन के इच्छुक किसान जमीन पर तालाब बनाने, खारे पानी में मछली पालन, झींगा पालन करने तथा मछली बेचने हेतू वाहन (मोटर साइलिक, साइकिल व थ्री-व्हीलर) खरीदने के लिए अनुदान हेतू मत्स्य विभाग में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने व मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मत्स्य पालकों को दिया जा रहा है।

जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए जिला में खारे पानी व लवणीय भूमि के विकास के लिए 51 नए यूनिट स्थापित किए गए हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 71.8 हेक्टेयर है। इन यूनिटों के निर्माण पर 574.4 लाख रुपये खर्च विभागीय स्कीम अनुसार बनता है जिस पर विभाग द्वारा मत्स्य किसानों को कुल 339.52 लाख रुपये अनुदान चालू वित्तीय वर्ष में दिया जाएगा। इसके साथ-साथ 66 यूनिट जिनका कुल क्षेत्रफल 90 हेक्टेयर बनता है को खाद्य खुराक उपलब्ध करवाने के लिए खारे पानी में मछली पालन के लिए कुल 320.16 लाख रुपये अनुदान दिया जाना है।