शेयर मार्केट : निफ्टी 11,000 के नीचे

हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार के लिए बेहद बुरा रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स जहां 424.61 अंक टूटकर 36,546.48 पर बंद हुआ वहीं, निफ्टी 125.80 अंकों की गिरावट के साथ 11000 के नीचे 10,943.60 पर बंद हुआ। निफ्टी ने पिछले कारोबारी सेशन में 11000 के ऊपर क्लोजिंग दी थी। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट टाटा मोटर्स, वेदांता, टाटा स्टील, एनटीपीसी और ओएनजीसी के शेयरों में रही। जबकि सबसे ज्यादा मजबूती कोटक बैंक भारती एयरटेल, एचसीएलटेक, बजाज फाइनेंस, हीरो मोटर के शेयरों में आई। निफ्टी के 9 शेयर हरे निशान और 41 लाल निशान पर कारोबार कर बंद हुए।

राहुल गांधी : दो महीने में प्रियंका से चमत्कार की उम्मीद नहीं कर सकते

नई दिल्ली: पार्टी मुख्यालय 24 अकबर रोड पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव पार्टी के राज्य प्रभारी और महासचिवों के साथ बैठक कर रही थी।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दो महीने में प्रियंका गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया से चमत्कार की उम्मीद नहीं करते हैं। राहुल ने कहा कि इन दोनों को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कोई दबाव महसूस नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य से उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी का आधार मजबूत करने की दिशा में काम करने की बात कही है।

47 वर्षीय प्रियंका गांधी ने कहा कि वह नई है और उन्हें अनुभव नहीं है लेकिन वह अपने बेहतर देंगी। महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद पहली बार प्रियंका गांधी कांग्रेस की बैठक में शामिल होने पहुंची थी। राहुल गांधी ने बताया कि मीटिंग में चुनावी रणनीति, गठबंधन और उम्मीदवारों को लेकर बात हुई। सभी राज्यों के चुनाव प्रभारियों और महासचिवों ने अपने-अपने विचारों को पार्टी की बैठक में रखा। सभी को निर्देश दिया गया है कि उम्मीदवारों का चयन इस महीने (फरवरी) के आखिर तक फाइनल कर लिया जाए।

अखिलेश-मायावती के गठबंधन के बावजूद, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार

उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर हैं। करीब 23 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं। जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और विपक्षी महागठबंधन, दोनों के लिए ‘जय या क्षय’ तय करने वाला राज्य है। भाजपा से बढ़ रही नाराजगी के बावजूद राज्य में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कायम है। जबकि चुनाव पूर्ण गठबंधन से बसपा-सपा खासा उत्साहित हैं। प्रियंका गांधी के राजनीति में औपचारिक रूप से आने के बाद कांग्रेस भी काफी उत्साह से भरी है। हालांकि फिलहाल कोई भी भविष्यवाणी करना कठिन होगा।

2014 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से 71 पर जीत हासिल की थी। जबकि उसके गठबंधन सहयोगी अपना दल को दो अन्य सीटें मिली थीं। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितनी सीटें हासिल हुई थीं उसका 25 फीसदी उत्तर प्रदेश से ही था। लेकिन 2019 के आम चुनाव में भाजपा के सामने उत्तर प्रदेश में अपनी पिछली कामयाबी दोहराने की बड़ी चुनौती होगी। अगर वह अपना पिछला आंकड़ा हासिल नहीं करेगी तो उसे बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा। 

भाजपा को उम्मीद है कि वह पूर्वोत्तर समेत उन स्थानों पर नई सीटें जीतेगी, जहां वह हाल में एक खिलाड़ी के रूप में उभरी है। इसके बावजूद अगर उत्तर प्रदेश में सीटों का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करना असंभव भले न हो, मुश्किल होगा। राज्य में बसपा और सपा ने चुनावी गठबंधन बना लिया है, जो बीते दो दशक से राज्य की सत्ता के लिए आपस में तीखा संघर्ष करती हैं। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उन दोनों को हरा दिया था, लेकिन मार्च 2018 में बसपा और सपा की करीबी ने रंग दिखाया, जब उन्होंने उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर की संसदीय सीटें भाजपा से छीन लीं।

एकतरफ भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने इन चुनावों को पानीपत की तीसरी लड़ाई जैसा बताया तो दूसरी तरफ सपा और बसपा के बीच रिश्तों में दशकों पुराने खटास की खाई खत्म होती नजर आई। यह गठबंधन यूपी की सियासत में विपरीत पाटों पर खड़े दो ऐसे दलों का गठबंधन है, इसके पहले 1990 के दशक में ही यह संयोग बना था जब यूपी की राजनीति में सपा-बसपा एकदूसरे के करीब आए थे। लेकिन लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड ने इन दोनों दलों के बीच खाई इतनी चौड़ी कर दी कि इसे भर पाना असंभव नजर आने लगा था।

2019 में बसपा और सपा 38-38 सीट पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने दो सीट कांग्रेस के लिए और दो सीट राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी है। हालांकि अभी कोई भविष्यवाणी करना कठिन है, जानकारों का अनुमान है कि बसपा-सपा महागठबंधन भाजपा की आधी सीटें झटक सकता है। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह उत्तर प्रदेश में अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उसने प्रियंका गांधी को महसचिव बनाकर अपने इरादे और स्पष्ट कर दिए हैं। प्रियंका का आना निश्चय ही यह एक अहम कारक रहेगा। तीसरी चीज यह है कि भाजपा से नाराजगी के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी कायम है।

इस बार चुनाव में तीन मसले अहम होंगे : मतदाताओं का रुझान, हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण और अर्थव्यवस्था को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचैनी। 2014 में भाजपा ने यह समीकरण बखूबी साधा था। 

उत्साह बढ़ाए रखने की जरूरत
2019 में भाजपा की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वह अपने समर्थकों को प्रेरित कर पाती है या नहीं और कितने मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में अधिक मतदान हुए, खासकर महिला मतदाताएं वोट देने निकलीं वहां भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। युवा मतदाताओं से भी उसे काफी मदद मिली।

ग्रामीणों की बदहाली 
उत्तर प्रदेश की 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है। यह भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। जानकारों की मानें तो यह किसानों की नाराजगी ही थी जिसके कारण राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता से भाजपा को बेदखल होना पड़ा। यह मसला उत्तर प्रदेश में भी अहम है।

पीएम मोदी: देश लूटने वालों को डरना ही होगा




नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमले किए। उन्होंने अपने भाषण में रोजगार से लेकर राफेल डील तक तमाम मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। भ्रष्टाचार पर अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि देश को लूटने वालों को मोदी डराकर रखेगा, उन्हें डरना ही होगा। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा पूरे सदन को धन्यवाद दिया। आगामी चुनावों में सभी दलों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनौतियों को चुनौती देने वाले ही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि महामिलावट वाली सरकार दिल्ली नहीं पहुंच पाएगी

मोदी ने यह साफ कर दिया है कि जांच न सिर्फ चलती रहेगी बल्कि चुनाव में भी भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहेगा। अवसर तो था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का, लेकिन लगभग पौने दो घंटे के जवाब में प्रधानमंत्री ने एक तरह से चुनावी शंखनाद ही कर दिया।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला- कहा, जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें डरना ही होगा। जनता ने मुझे इसी काम के लिए यहां बैठाया है।

सदन में दिन भर चली चर्चा में खासतौर से कांग्रेस की ओर से बार-बार यह याद दिलाया गया कि सरकार विपक्ष को डरा रही है। जाहिर तौर पर इशारा राबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच की ओर भी था। ऐसे में प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरूआत भी भ्रष्टाचार से ही और अंत भी। उन्होंने कहा- ‘जो देश लूट रहे है, गरीबों का पैसा लूट रहे हैं उन्हें डरना ही होगा, कोई नहीं बचेगा। हमारी सरकार की पहचान ही है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शिता।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन मे एक भी रक्षा सौदा बिचौलियों के बिना नहीं हुआ। और अब जब राजदार पकड़े जा रहे हैं तो उनके चेहरे मुरझाए हुए हैं क्योंकि पकड़े जाने का डर सता रहा है। और इस बौखलाहट में सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सुस्ती नहीं आएगी। 

मोदी ने कहा कि लोगों ने उस काम को देखा है जिसकों पूर्ण बहुमत वाली सरकार कर सकती है। उन्होने हमारा काम देखा है। वे उन लोगों की महामिलावट सरकार नहीं चाहते जो हाल ही में कोलकाता में इकठ्ठा हुए हैं।  उन्होने कहा कि मिलावटी सरकार के कारनामे तो देख चुके हैं, मगर अब तो महामिलावट की तैयारी की जा रही है।

हमारी सरकार देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए काम कर रही है। हार्ट स्टेंट, घुटने की सर्जरी और दवाओं की कीमतें लगातार कम हो रही हैं, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद हो रही है। 

जो कहते हैं कि ये अमीरों की सरकार है, तो मैं कहता हूं कि देश के गरीब ही मेरे अमीर हैं। गरीब ही मेरा इमान है, वही मेरी जिंदगी हैं, उन्ही के लिए जीता हूं, उन्हीं के लिए यहां आया हूं।

यूपी बजट 2019: चुनाव से पहले योगी सरकार का सबसे बड़ा बजट

लखनऊ – योगी सरकार ने आज अपना तीसरा बजट विधानमंडल में पेश कर दिया। साल 2019-20 के इस बजट पर बुधवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने हस्ताक्षर किया। प्रदेश सरकार ने इस बार 4 लाख 79 हज़ार 701 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है।

यह बजट पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। इससे पहले कैबिनेट बैठक में बजट पर प्रस्ताव पास हो गया है। यूपी के सदन में पहली बार 11 बजे बजट पेश किया गया। आज प्रश्नकाल को समाप्त किया गया है। 

बजट में पर्यटन विभाग के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित किए हैं। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़ की व्यवस्थ की गई है। 

पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपए और प्रो-पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है। प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम का विकास किया जाना और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले कुम्भ का जिक्र किया। अवस्थापना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस को शामिल किया गया, पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा लखनऊ एक्प्रेस वे 6 लेन के लिए 100 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की व्यवस्था की गई है। जबकि स्वच्छ ग्रामीण मिशन के तहत 58 हजार 770 ग्राम पंचायत को शौच मुक्त कर दिया है।

बजट में संस्कृति विभाग का भी ध्यान रखा गया है। मथुरा वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है जबकि वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ दिए गए हैं।

प्रियंका के पद संभालते ही सपा-बसपा गठबंधन में खलबली

उत्तर प्रदेश : लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा के गठबंधन से प्रदेश में खलबली मची है। टिकट के दावेदार सपा व बसपा के दफ्तरों में लगातार चक्कर लगा रहे हैं। जिनकी उम्मीद टूट रही है, उनको तो कांग्रेस सुरक्षित ठिकाना लग रहा है। सपा व बसपा के नेता कांग्रेस में जगह तलाश रहे हैं।

कांग्रेस की नवनिर्वाचित महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कल नई दिल्ली में अपना कार्यभार संभाला। इस दौरान कांग्रेस के दफ्तर में उनसे मिलने वालों में पूर्व बसपा नेता के पुत्र भी थे। बसपा मुखिया मायावती के कभी बेहद खास रहे अतहर खान के पुत्र सुल्तान अहमद खान ने जब कल प्रियंका गांधी से भेंट की तो इसके बाद बसपा में खलबली मच गई।

प्रियंका गांधी के साथ कल कांग्रेस दफ्तर में भेंट की वायरल हो रही तस्वीर में जो दो शख्स बैठे हैं उनका नाम है सलमान अहमद खान और सुल्तान अहमद खान। सुल्तान के पिता अतहर खान उत्तर प्रदेश में बसपा के पुराने नेता थे। वह 32 वर्ष तक बसपा में रहे। प्रियंका गांधी से मिले सुल्तान अहमद खान ने 24 जनवरी को ही पिता अतहर खान के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। अतहर ने 12 मई 2017 को बसपा छोड़ दी थी।

शासन सचिवालय की डिसपेंसरी के निरीक्षण में गैर-हाजिर मिले 6 कार्मिक

जयपुर: विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा ने बुधवार सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर सचिवालय परिसर स्थित राजकीय डिसपेंसरी का निरीक्षण किया। आकस्मिक किये गये इस निरीक्षण में 6 स्वास्थ्य कार्मिक गैर-हाजिर मिले और बायोमेट्रिक एटेन्डेंस मशीन सहित दो महत्वपूर्ण मशीने भी खराब मिलीं। डाॅ. शर्मा ने इसे गंभीरता से लिया और गैर-हाजिर मिले 6 कार्मिकों सहित डिसपेंसरी के संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर-प्रथम डाॅ. नरोत्तम शर्मा ने संबंधित कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।

मिशन निदेशक ने बताया कि प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों एवं कार्यालयों के निर्धारित समय पर खुलने एवं सेवाएं शुरू करने के निर्देश जारी किये गये हैं और इस अनुशासन के पालन में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि सचिवालय स्थित राजकीय डिसपेंसरी के खुलने का समय सर्दियों में प्रातः साढ़े 9 बजे से हैं वाबजूद इसके बुधवार को उनके द्वारा इस डिसपेंसरी में प्रातः 9.40 बजे किये औचक निरीक्षण में नर्स ग्रेड प्रथम, दो फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, एएनएम एवं वार्ड बाॅय अनुपस्थित मिले।

उन्होंने बताया कि वहां उपस्थित कार्मिकों ने निर्धारित गणवेश भी नहीं पहनी थी और साढ़े 9 बजे से तो डिसपेंसरी में साफ-सफाई शुरू होना चिंतनीय है। 
डाॅ. समित ने बताया कि सचिवालय डिसपेंसरी में उपलब्ध बायोमेट्रिक एटेन्सडेंस मशीन, सेमी आॅटोऐनेलाइजर व रेफ्रिजरेटर जैसी महत्वपूर्ण मशीने भी खराब पायी गयी हैं जिन्हें शीघ्र मरम्मत करवाकर उपयोग करने के निर्देश दिये गये हैं।

नोएडा के सेक्टर 12 में मेट्रो हॉस्पिटल में लगी आग

नोएडा के सेक्टर 12 स्थित एक निजी अस्पताल के दूसरी मंजिल पर गुरुवार दोपहर भयंकर आग लग गई।

कई लोग अभी भी हॉ़स्पिटल में फंसे हुए हैं। मरीजों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों ने बिल्डिंग का शीशा भी तोड़ा ताकि बिल्डिंग में धुआं न भरे। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं। बचाव कार्य जारी है। हालांकि घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

मुख्य दमकल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे विभाग को सेक्टर 12 स्थित मेट्रो अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली। तुरंत आठ दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।

उन्होंने बताया कि आग अस्पताल की इमारत की दूसरी मंजिल पर लगी है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। सिंह ने बताया कि हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दमकलकर्मी लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं।

लोन हो सकता है सस्ता, RBI ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में की कटौती

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट की ब्याज दरें तय कर दी है। रेपो रेट में कटौती से बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा. बैंक इसका फायदा होम लोन और पर्सनल लोन ग्राहकों को दे सकते हैं. अगर बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया तो होम लोन की ईएमआई सस्ती हो सकती है. दिसंबर 2018 में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को नहीं बदला था, लेकिन उसने कहा था कि अगर महंगाई दरें नहीं बढ़तीं तो वह रेपो रेट में कटौती कर सकता है ।

आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है।   रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट की ब्याज दरों को कम किया है। मौद्रिक समीक्षा नीति ने बैठक के बाद ऐलान किया कि आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। 

वहीं दूसरी तरफ आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया। रेपो रेट में कटौती होने से आम आदमी को राहत मिलेगी। क्योंकि ईएमआई देने वालों को ब्याज कम देना होगा। 

आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद कहा कि 2019-20 में जीडीपी 7.4 रहने का अनुमान है। आगे कहा कि वहीं अभी के हिसाब से 2019-20 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति की दर 3.2-3.4 फीसदी और 2019-20 की तीसरी तिमाही में 3.9 फीसदी हो सकती है। 

कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस स्टार प्रचारक के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। हाल ही में तीन राज्यों में दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भूपेश बघेल को अपने साथ ले गए और वहां से इसका आगाज कर दिया है। वहां उन्होंने छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के एक माह में किए गए कार्यों की मिसाल पूरे देश में प्रस्तुत कर कांग्रेस के वादा निभाने को लेकर, कई तरह के दावे चुनाव के मद्देनजर प्रस्तुत किए हैं।

2 और 3 फरवरी को उत्तरप्रदेश के बाराबांकी और बिहार के पटना में जिस तरह से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है, उसे देखते हुए राहुल गांधी श्री बघेल को लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारक में शामिल करने जा रहे हैं। दोनों सभाओं में बघेल के आक्रामक शैली के भाषण को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें बुधवार को ओडिशा हाेने वाली आमसभा में लेकर गए।

उन्होंने गांधी परिवार के बारे में जो कहा, वह एक प्रकार से ओडिशा के लोगों के लिए बड़ी बात है। वहां उन्होंने अपनी शैली में बिहार के पटना में हुई आमसभा में भी राहुल गांधी होने का मतलब वहां की जनता को बखूबी समझाया। बताते हैं कि बघेल के भाषण के बाद बिहार के स्थानीय कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह भी दिखा।

उनके इस अंदाज को भुनाने की कोशिश में कांग्रेस हिन्दी भाषी प्रदेशों में भूपेश बघेल को आजमाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उनकी आक्रामक रणनीति को देखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफी वरिष्ठ होने के बावजूद राहुल ने भूपेश पर दांव खेला है, उससे यही लग रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ इससे लगे सीमावर्ती सात राज्यों में उनकी भूमिका बहुत अहम रहेगी।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद कांग्रेस सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। तीनों राज्यों के चुनाव में दो तिहाई से अधिक बहुमत छत्तीसगढ़ में ही मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद यहां ध्यान दे रहे हैं।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सबसे पहले एआईसीसी के द्वारा प्रदेश के महासचिवों की एक आवश्यक बैठक 7 फरवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई है।