लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में जाति के नाम पर राजनीति का जोड़-तोड़ शुरू

बिहार: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में जाति के नाम पर राजनीति का जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। तमाम दल जातियों के नाम पर मतदाताओं को अपने पाले में करने में जुट गए हैं। खास तौर पर ओबीसी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए होड़ मच गई है। इसे लेकर जनसभाओं, रैलियों और अभियानों का सिलसिला तेज हो गया है। 2019 आम चुनाव के मद्देनजर हर पार्टी जाति के नाम पर दांव खेलकर मतदाताओं को लुभाना चाहती है। 

भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों पक्ष पिछड़े वर्ग के वोटर्स को अपनी तरफ करने में जुटे हैं। इसी के मद्देनजर जनसभाओं, रैलियों का आयोजन का दौर तेज हो रहा है। भाजपा 15 फरवरी को ही पटना में ओबीसी मोर्चा की दो दिवसीय जनसभा कर चुकी है। हालांकि पुलवामा हमले के मद्देनजर इसे रद्द कर दिया गया है। 

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के नेता, लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव राज्य में बेरोजगारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ अभियान के तहत प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। उनका जोर इस बात पर है कि पिछड़ों के लिए आरक्षण और बढ़ाया जाए और इसी मुद्दे के सहारे वह आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा दांव खेलना चाहते हैं। 

केंद्र सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के फैसले के बाद तेजस्वी ने आरक्षण बढ़ाओ अभियान के तहत मंडल राजनीति का दांव खेलकर लोकसभा चुनाव में बड़ी बाजी जीतना चाहते हैं। उनका जोर है कि आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जाए। न सिर्फ निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू हो बल्कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, ईबीसी को उनकी जाति में संख्या के हिसाब से आरक्षण मिले। 

जनता दल (युनाइटेड) पहले ही पूरे राज्य में अपने ‘अति पिछड़ा प्रकोष्ठ’ का जिलास्तरीय सम्मेलन आयोजित कर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश कर चुकी है. माना भी जाता है कि जिस प्रकार यादव मतदाताओं पर राजद की पकड़ है, वैसे ही कई चुनावों में जद (यू) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अत्यंत पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे हैं.

जनता दल (यू) भी जातीय राजनीति की कवायद में जुटी है। पार्टी पहले ही पूरे राज्य में अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का जिलास्तरीय सम्मेलन आयोजित कर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर चुकी है। सीएम नीतीश कुमार का अति पिछड़ा वर्ग पर खासा प्रभाव भी माना जाता है। 


बिहार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना मेट्रो समेत 33 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी

बिहार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार को पटना मेट्रो समेत 33 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। इससे पहले पीएम मोदी आज सुबह 11:30 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे। पटना एयरपोर्ट पर सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल लालजी टंडन पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान एयरपोर्ट पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत कई और नेता भी मौजूद थे। पटना एयरपोर्ट पर थोड़ी देर रुकने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर से बरौनी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।उनके साथ राज्यपाल लाल जी टंडन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद है।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से आज एक ऐतिहासिक दिन है। छपरा और पुर्णिया में अब नए मेडिकल कॉलेज बनने वाले हैं, वहीं भागलपुर और गया के मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जा रहा है। इसके अलावा, बिहार में पटना एम्स के अलावा एक और एम्स बनाने पर काम चल रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- एनडीए सरकार की योजनाओं का विजन, दो पटरियों पर है। पहली पटरी है इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाएं, औद्योगिक विकास, लोगों को आधुनिक सुविधाएं, दूसरी पटरी है उन वंचितों, शोषितों, पीड़ितों का जीवन आसान बनाना जो पिछले 70 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- मैं पटना वासियों को बधाई देता हूं, क्योंकि पाटलिपुत्र अब मेट्रो रेल से जुड़ने वाला है। 13 हज़ार करोड़ रुपए की इस परियोजना को वर्तमान के साथ भविष्य को जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है। ये मेट्रो प्रोजेक्ट तेजी से विकसित हो रहे पटना शहर को नई रफ्तार देगा

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- इस परियोजना का तीसरा लाभ ये होगा कि जब यहां पर उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में गैस मिलेगी उससे Gas Based Economy का नया इकोसिस्टम विकसित होगा, युवाओं को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- इस परियोजना से 3 बड़े काम एक साथ होने जा रहे हैं। बरौनी में जो फर्टिलाइजर का कारखाना फिर से चालू किया जा रहा है, उसको गैस उपलब्ध होगी। पटना में पाइप के माध्यम से गैस देने का काम होगा, सीएनजी से गाड़ियां चल पाएंगी। हज़ारों परिवारों को अब पाइप वाली गैस मिलने वाली है।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- इसी योजना के पहले चरण में जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन के पटना-फूलपुर सेक्शन का लोकार्पण किया गया है। जुलाई 2015 में मैंने इसकी आधारशिला रखी थी। हल्दिया-दुर्गापुर LPG पाइपलाइन का भी विस्तार मुजफ्फरपुर और पटना तक किया जा रहा है, जिसका शिलान्यास किया गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- आज हज़ारों करोड़ की दर्जनों परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इसमें पटना शहर को स्मार्ट बनाने से जुड़े प्रोजेक्ट हैं, बिहार के औद्योगिक विकास और युवाओं को रोज़गार से जुड़े प्रोजेक्ट हैं और बिहार के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने वाली परियोजनाएं हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- बिहार समेत पूर्वी भारत का कायाकल्प करने के लक्ष्य के साथ शुरू की गईं अनेक परियोजनाओं में से एक- प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना भी है। इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को गैस पाइपलाइन से जोड़ा जा रहा है।

पुलवामा हमला पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- जो आग आपके दिल में है वो मेरे दिल में भी है। पटना के शहीद रतन कुमार ठाकुर और संजय कुमार सिन्हा को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। खबर है कि भारत आतंकी संगठन जैश पर डोजियर तैयार कर रहा है। इस काम में खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जैश, आईएसआई और तहरीके-ए-तालिबान के खिलाफ डोजियर तैयार हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर पुलवामा हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पुलवामा हमले को लेकर 57 देशों ने कड़ी निंदा की है और आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत के समर्थन में भी खड़े हो गए हैं।  

पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल करने के लिए भारत ने अगले सप्ताह पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की पूर्ण सभा और वर्किंग ग्रुप बैठक में भी अन्य देशों पर दबाव बनाने की तैयारी की है। बता दें कि पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर नजर रखकर सचेत करने वाला संगठन है। 

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में पांच राजस्थान के हैं।

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले 40 सीआरपीएफ जवानों में से पांच राजस्थान के हैं। इन्हीं में से एक हैं, कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र स्थित विनोद कलां गांव के 43 वर्षीय हेमराज मीणा। उन्होंने करीब 18 साल पहले सीआरपीएफ में नौकरी शुरू की थी और 61वीं बटालियन में सेवा दे रहे थे। वह एक दिन पहले अपनी बटालियन में ड्यूटी पर पहुंचे थे। घर से विदा होने से पूर्व उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वह 20 दिन में वापस आएंगे। वह वापस तो चार दिन बाद ही पहुंच गए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।

मीडिया से बात करते हुए उनके बड़े भाई रामबिलास ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने से पहले हेमराज महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। ट्रेनिंग से लौटते वक्त सोमवार रात वह कुछ देर के लिए गांव आए थे। चंद घंटे घर पर बिताने के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे ही वह गांव से वापस लौट गए थे। बुधवार को ही वह जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। मंगलावर सुबह घर से निकलते वक्त हेमराज ने पत्नी से कहा था कि वह 20 दिन में वापस आ जाएंगे।

रामबिलास मीणा ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं खुद सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहता हूं। उनके पिता हरदयाल मीणा ने कहा कब तक हम आतंकी हमले सहन करते रहेंगे। हमारे सैनिक कब तक ऐसे शहीद होते रहेंगे। मुझे संतोष तब मिलेगा, जब भारत पाकिस्तान से इसका बदला लेगा। हेमराज तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं।

18 माह बाद उन्हें सेवानिवृत्त होना था। उनकी पत्नी मधुबाला ने बताया कि शादी के वक्त हेमराज सीआरपीएफ में नहीं थे। शादी के बाद उनकी नौकरी लगी थी। उन्होंने सोचा था सेवानिवृत्त होने के बाद खुशी-खुशी जीवन बिताएंगे, लेकिन क्या पता था कि महज 18 महीने की नौकरी में ऐसा दिन देखना पड़ेगा।

भारत की यही रीति, पहले हम छेड़ते नहीं और छेड़ा तो फिर छोड़ते नहीं – पीएम मोदी

महाराष्ट्र:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक जनसभा को संबधित करते हुए पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि आप सभी के बीच ऐसे वक्त पर आया हूं जब पुलवामा में हमारे जवानों पर हमले को लेकर देश आक्रोशित है। एक तरफ देश गुस्से में है तो दूसरी तरफ हर आंख नम है।

उन्होंने कहा कि एक देश के नाते हमारा काम यहीं से शुरु होता है। जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उनके परिवार के साथ हम हमेशा खड़े रहें। ये संयम का समय है, संवेदनशीलता का समय है, ये शोक का समय है। लेकिन हर परिवार को मैं ये भरोसा देता हूं कि हर आंसू का जवाब लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत नई रीति और नई नीति का देश है, ये अब दुनिया भी अनुभव करेगी। भारत की ये नीति रही है कि हम किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन नए भारत को किसी ने छेड़ा तो वो छोड़ता भी नहीं है। पीएम ने कहा कि ये हमारा सुरक्षाबलों ने पहले भी कर दिखाया है और अब भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धुले की विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा- धुले शहर में औद्योगिक शहर बनने की पूरी संभावना है। ये ऐसी जगह स्थित है, जहां से देश के अलग-अलग शहरों में व्यापार की संभावना है। यहां से कई बड़े-बड़े नेशनल हाईवे गुजरते हैं। आज यहां की कनेक्टिविटी को और सशक्त करते हुए दो रेल लाइनों का शिलान्यास किया गया है।

पुलवामा अटैक – सहवाग बोले- सुधर जाओ वरना सुधार देंगे

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत से खेल जगत भी सदमे में है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदूलकर, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और मोहम्मद कैफ ने ट्वीट कर दुख जताया है। सहवाग ने आंतकियों को धमकी देते हुए लिखा, ‘सुधर जाओ वरना सुधार देंगे।’

वीरेंद्र सहवाग ने लिखा कि -‘ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में वे इस कायराने हमले ने मुझे बेहद दर्द पहुंचाया है, हमारे वीर जवान शहीद हुए हैं. इस दर्द को बयां करने के लिए कोई शब्द नहीं है. उम्मीद करता हूं घायल जवान जल्द ही ठीक होंगे। जिसके बाद विरेंद्र सहवाग ने ट्वीट की सबसे निचली लाइन में लिखा कि ‘सुधर जाओ वरना सुधार देंगे’

बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में यह हमला उस समय हुआ जब सीआरपीएफ के जवानों को श्रीनगर से पुलवामा ले जाया जा रहा था। इस काफिले में सीआरपीएफ की लगभग 39 गाड़ियां थी. खबरों के अनुसार एक छोटी गाड़ी में फिदायीन हमलावर बैठा हुआ था जो 350 किलो विस्फोटक से भरी गाडी लेकर बस से टकरा गया। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

अंतिम तिथि 31 मार्च,करदाताओं का पैन से आधार जोड़ना ‘अनिवार्य’

नयी दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जोर देकर कहा है कि जो लोग आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उनके लिए पैन कार्ड को आधार से जोड़ना ‘अनिवार्य’ है। इस काम को 31 मार्च तक पूरा किया जाना है।

सीबीडीटी ने बृहस्पतिवार को जारी एक परामर्श पत्र में कहा कि पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आधार की संवैधानिक मान्यता को बरकरार रखा था। इसी क्रम में आयकर कानून-1961 की धारा-139एए के तहत सीबीडीटी द्वारा 30 जून, 2018 को जारी आदेश मान्य हो जाता है।


इसके अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को 31 मार्च, 2019 से पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। उच्चतम न्यायालय ने दोबारा यह निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ केंद्र की याचिका पर दिया है।

उच्चतम न्यायालय ने छह फरवरी को अपने आदेश में पुष्टि की कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।

इस पर न्यायामूर्ति एक. के. सीकरी और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत इस मामले में पहले ही फैसला दे चुकी है और उसने आयकर की धारा 139एए को बरकरार रखा है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केंद्र की आधार योजना को मान्य करार दिया था, लेकिन बैंक खातों, मोबाइल फोनों और स्कूलों में प्रवेश जैसे कुछ काम अनिवार्य बनाने वाले प्रावधानों को रद्द कर दिया था।

आज है, जया एकादशी व्रत 2019

Jaya Ekadashi Vrath 2019

जया एकादशी : हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं, आैर जब भी अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। पौराणिक मान्यताआें के अनुसार एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि माघ शुक्ल एकादशी को किसकी पूजा करनी चाहिए, तथा इस एकादशी का क्या महात्मय है। इस भगवान ने उत्तर दिया कि इस एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी होती है। इसका व्रत करने से व्यक्ति सभी नीच योनि अर्थात भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। श्री कृष्ण ने इस से जुड़ी एक कथा भी युधिष्ठिर को सुनाई, जो इस प्रकार है।

भगवान के बताया कि एक बार नंदन वन में उत्सव चल रहा था। इस उत्सव में सभी देवता, सिद्ध संत और दिव्य पुरूष आये थे। इसी दौरान एक कार्यक्रम में गंधर्व गायन कर रहे थे और गंधर्व कन्याएं नृत्य कर रही थीं। इसी सभा में गायन कर रहे माल्यवान नाम के गंधर्व पर नृत्यांगना पुष्पवती मोहित हो गयी। अपने प्रबल आर्कघण के चलते वो सभा की मर्यादा को भूलकर ऐसा नृत्य करने लगी कि माल्यवान उसकी ओर आकर्षित हो जाए। एेसा ही हुआ आैर माल्यवान अपनी सुध बुध खो बैठा और गायन की मर्यादा से भटक कर सुर ताल भूल गया। इन दोनों की भूल पर इन्द्र क्रोधित हो गए आैर दोनों को श्राप दे दिया कि वे स्वर्ग से वंचित हो जाएं और पृथ्वी पर अति नीच पिशाच योनि को प्राप्त हों। श्राप के प्रभाव से दोनों पिशाच बन गये और हिमालय पर्वत पर एक वृक्ष पर अत्यंत कष्ट भोगते हुए रहने लगे। एक बार माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन दोनो अत्यंत दु:खी थे जिस के चलते उन्होंने सिर्फ फलाहार किया आैर उसी रात्रि ठंड के कारण उन दोनों की मृत्यु हो गर्इ। इस तरह अनजाने में जया एकादशी का व्रत हो जाने के कारण दोनों को पिशाच योनि से मुक्ति भी मिल गयी। वे पहले से भी सुन्दर हो गए और पुन: स्वर्ग लोक में स्थान भी मिल गया। जब देवराज इंद्र ने दोनों को वहां देखा तो चकित हो कर उनसे मुक्ति कैसे मिली यह पूछा। तब उन्होंने बताया कि ये भगवान विष्णु की जया एकादशी का प्रभाव है। इन्द्र इससे प्रसन्न हुए और कहा कि वे जगदीश्वर के भक्त हैं इसलिए अब से उनके लिए आदरणीय हैं अत: स्वर्ग में आनन्द पूर्वक विहार करें।

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि : पुलवामा आतंकी हमला

दिल्ली: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को हुए भयावह आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के 40 जवानों की पार्थिव देह जब उनके पैतृक गांवों के लिए रवाना की गईं तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को कंधा दिया। सीआरपीएफ, एनआईए और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के उच्चस्तरीय दल के साथ शुक्रवार यहां पहुंचते ही राजनाथ सिंह पास के सीआरपीएफ परिसर पहुंचे जहां दिवंगत जवानों की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

दरअसल, गुरुवार को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. इस काफिले में करीब 70 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे. उसी दौरान सामने से विस्फोटक से लदी एक एसयूवी कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी. आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 350 किलो विस्फोटक थे. इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस घटना पर पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा है कि आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और अब उन्हें इसका अंजाम भी भूगतना होगा. 

दिल्ली से यहां पहुंचते ही गृह मंत्री ने श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की जहां 40 सीआरपीएफ जवानों की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटे ताबूतों में रखी गईं। समारोह में उपस्थित एक अधिकारी ने बताया कि सिंह ने एक शहीद सीआरपीएफ जवान को कंधा भी दिया। इसके बाद पार्थिव देह को विमान से जम्मू कश्मीर से ले जाया गया।

बल की ओर से अंतिम श्रद्धांजलि के लिए बिगुल बजाया गया और जवानों ने शहीदों के सम्मान में शस्त्र उल्टा रखने की शोक सलामी शस्त्र’ की परिपाटी को पूरा किया। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया। इसके पश्चात गृह मंत्री ने एक जवान को कंधा दिया जिसकी पार्थिव देह को विमान से उसके पैतृक स्थल ले जाया जा रहा था।

गृह मंत्री सिंह, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, गृह सचिव राजीव गौबा, सीआरपीएफ महानिदेशक आर आर भटनागर, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य लोगों ने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की। सिंह ने कहा कि राष्ट्र हमारे बहादुर सीआरपीएफ जवानों के सर्वेाच्च बलिदान को नहीं भूलेगा।

उन्होंने कहा कि मैंने पुलवामा के शहीदों को अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दे दी है। बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। अधिकारी के अनुसार जब तक ताबूतों को श्रीनगर हवाईअड्डे जा रहे ट्रक में रखा गया तब तक उपस्थित सभी गणमान्य लोग मौन खड़े रहे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये और पांच घायल हो गये।

15 फरवरी को होगा टीम का चयन : Ind vs Aus

मुंबई: राष्ट्रीय सीनियर चयन समिति ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवरों की क्रिकेट सीरीज के लिए विश्व कप को ध्यान में रखकर शुक्रवार को वानखेड़े स्टेडियम स्थित क्रिकेट सेंटर में टीम इंडिया का चयन करेगी। विश्व कप के लिए अभी दो स्थान ही ऐसे बचे हैं, जिनमें खिलाड़ी तय नहीं किए गए हैं। इनमें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का एक स्थान भी शामिल है। इस स्थान पर जयदेव उनादकट और खलील अहमद में से किसी एक पर अंतिम मुहर लग सकती है।

भारतीय टीम 24 फरवरी से शुरू होने वाली सीरीज में दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय और पांच वनडे मैच खेलेगी। वनडे विश्व कप 30 मई से इंग्लैंड में खेला जाना है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए कुछ सीनियर खिलाड़ियों को विश्राम मिलेगा, जबकि आजमाए जा रहे कुछ खिलाड़ी इस सीरीज में खुद को साबित करेंगे। जिन खिलाड़ियों को विश्राम दिया जाएगा उनके लिए तय है कि वे विश्व कप टीम का हिस्सा बनेंगे। कप्तान विराट कोहली को पहले तीन वनडे मैचों के बाद न्यूजीलैंड दौरे से विश्राम दिया गया था। लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया के साथ घरेलू सीरीज में टीम की कप्तानी संभालेंगे। विराट की अनुपस्थिति में कप्तानी संभालने वाले रोहित शर्मा को विश्राम दिया जा सकता है।

चयन समिति ने विश्व कप के लिए 13 खिलाड़ियों की पहचान कर ली है। इनमें विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, अंबाती रायुडू, महेंद्र सिंह धौनी, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, विजय शंकर, युजवेंद्र सिंह चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी शामिल हैं। कप्तान विराट और तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह अंतिम ड्रेस रिहर्सल के लिए वापसी करेंगे।

चयन समिति के 16 या 17 खिलाड़ियों के ही चयन करने की उम्मीद है। अंतिम दो स्थानों के लिए चार दावेदार मैदान में हैं और यह इस पर निर्भर करता है कि टीम प्रबंधन किस तरह का संयोजन चाहता है। तेज गेंदबाजी विभाग में जसप्रीत, शमी, भुवनेश्वर का चयन लगभग तय है। ऐसे में विविधता प्रदान करने के लिए चयन समिति टीम में बाएं के हाथ के तेंज गेंदबाज रखना चाहेगी। राजस्थान के युवा गेंदबाज खलील ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में खेले थे और वह अच्छी दिशा में आगे ब़़ढ रहे हैं। जयदेव रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद दौड़ में फिर से शामिल हो गए हैं। आइपीएल को ध्यान रखें तो वह सबसे अनुभवी गेंदबाज है।

पिछले दोनों विदेशी दौरों में विश्राम पाने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह मैच अभ्यास के लिए इस सीरीज में लौटेंगे। मध्यक्रम में अंबाती रायुडू, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, विजय शंकर और ऋषभ पंत के लिए यह सीरीज विश्व कप की अपनी जगह पुख्ता करने का शानदार मौका होगा। रवींद्र जडेजा भी ऑलराउंडर पोजिशन के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद के लिए यह सीरीज टीम में अपनी जगह बनाने का मौका होगा। भारतीय टीम के दोनों स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव भी इस मौके को भुनाना चाहेंगे। टीम की घोषणा के साथ यह तय हो जाएगा कि विश्व कप में कौन-कौन से खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं।