प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में लंबे समय से हाशिए पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए कवायद शुरू कर दी।

कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी  और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में लंबे समय से हाशिए पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी देने के अपने रोडमैप को जमीन पर लाने की कवायद शुरू कर दी। हालांकि पहले ही दिन पार्टी की असली तस्वीर भी उनके सामने आ गईं जब खुलकर लोगों ने भाई-भतीजावाद और जेबी लोगों को पदाधिकारी बनाये जाने जैसी बातें खुल कर बताईं। देर रात तक मिलने का यह सिलसिला जारी रहा। सारी कवायद इसी पर थी कि क्या हो कि पार्टी फिर प्रदेश में अव्वल बने और नतीजे अच्छे आएं। 

रोड शो के बाद प्रियंका गांधी सोमवार की रात जयपुर चली गईं थीं। वहां आज पति राबर्ट वाड्रा की ईडी के सामने पेशी थी। जयपुर से करीब डेढ़ बजे वह वापस लौटीं तो सीधे प्रदेश कार्यालय पहुंच कर उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश की बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्नाव की बैठक हुई। पूर्व सांसद अन्नू टण्डन भी इस बैठक में मौजूद थीं। इसके बाद मोहनलालगंज, लखनऊ और फिर सिलसिला बढ़ता चला गया। जयपुर से लौटने में देरी की वजह से भले ही प्रियंका गांधी लोकसभा सीटवार बैठक तय समय से देरी से शुरू कर पाई हो लेकिन उन्होंने आज के लिए तय सभी लोकसभा सीटों के लोगो के साथ विस्तृत बैठक की। उन्नाव, मोहनलाल गंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर,प्रतापगढ़,  फतेहपुर, बाराबंकी, कौशाम्भी और फूलपुर की बैठक की। अंतिम बैठक खत्म करके रात 12 बजे के बाद पार्टी दफ्तर से निकली। आज भी बैठकें होंगी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक भले ही दोनों नेता अलग-अलग कर रहे थे लेकिन अन्दर पूछे जाने वाले सवाल एक से थे। संगठन की कमजोर हालत के कारण, लोकसभा क्षेत्र के समीकरण, टिकट किसको, मिलकर जीताना है। श्री सिन्धिया नीचे हॉल में बैठे हैं जबकि प्रियंका ऊपर मीटिंग कक्ष में। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर पूरे समय अपने कमरे में बैठे रहे। बड़े नेता जीतिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी, संजय सिंह, आराधना मिश्रा मोना, रत्ना सिंह भी आए।

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