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गुरसिख आप भी शीतल रहता है और दूसरों को भी शीतलता प्रदान करता है: निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज


चंडीगढ़ , 26 जुलाई ():

एक निरंकार प्रभु की जानकारी जीवन रहते इंसानी जीवन में ही संभव है और भक्त हमेशा अपने जीवन को स्थिर करके चलता है । जीवन भर शुक्राना करता हुआ आप भी शीतल रहता है और दूसरों को भी शीतलता प्रदान करता है।

निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

यह प्रवचन निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने मनटोवा (इटली) में हुए एक विशाल संत समागम दौरान कहे। सतगुरू माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य को ब्रrा ज्ञान की प्राप्ति के बाद निरंकार प्रभु की जानकारी हो जाती है तो मनुष्य में मानव कल्याण के भाव सहज ही प्रकट होने लग जाते हैं, उस की जुबान में से कड़वे बोल खत्म होने लगते हैं, जीवन में प्यार, विनम्रता, सहनशीलता जैसे दैवी गुण आने शुरू हो जाते हैं। दूसरों प्रति नफरत के भाव खत्म होने शुरू होते हैं तथा साथ ही के साथ अज्ञानता के अंधेरों से मनुष्य निकलने लगता है और धीरे धीरे सहज अवस्था को प्राप्त करता है।

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वह अपने जीवन में गुरसिखी को पहल देता है अपने जिंदगी के हर एक पड़ाव में अपने आप को स्थिर रखता है चाहे किसी भी तरह का समय क्यों न आ जाए उस में शुकुराने की भावना अव्वल होती है वह इस फानी दुनिया में इस निरंकार प्रभु की तरफ से मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभाता है और अपने जीवन को सतगुरू के अनुसार ढालते हुआ कर्म क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ाता है जिस कारण वह दूसरों के लिए एक मिसाल बनता है।

उन्होंने आगे फरमाया कि जब गुरसिख प्यार, विनम्रता और सहनशीलता वाली सोच को लेकर चलता है तो उस के अंदर सरबहित के भले की भावना का विकास होता है । वह निरंकार प्रभु की तरफ से बख्शी हर एक चीज का बखूबी आनंद लेता है । गुरसिख अपने आप को भी शीतल रखता है और दूसरों को शीतलता प्रदान करता है और इंसानी कदरों कीमतों को अपने जीवन में लाता है और सतगुरू के संदेश को जन जन तक पहुँचाने का यत्न करता है और सुंदर भावों के साथ ही हर एक के मन को जीतता है जिस कारण उस के जीवन में खूबसूरत बनता है। उन्होंने कहा कि गुरसिख के जीवन में निरंकार प्रभु का अहम रोल होता है।

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