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ई-लर्निंग : अध्यापक ईमानदारी से निभाएं अपना दायित्व : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 3 सितंबर।

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने की सक्षम हरियाणा (शिक्षा) व सरल प्रोग्राम की समीक्षा


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए ई-लर्निंग सबसे बढिया माध्यम है। इससे निर्बाध रुप से बच्चों को पढाया जा सकता है और उनकी शिक्षा सुचारु रुप से चल सकती है। जिला में पहली से 12वीं तक के बच्चों को एजुसेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापक समाज की धूरी है, वे अज्ञानता के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। शिक्षक केवल किताबी शिक्षा ही नहीं देता अपितु जिंदगी जीने की कला भी सीखाने का काम करता है।

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                      उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण बुधवार को देर सांय अपने कैंप कार्यालय कक्ष में सक्षम हरियाणा (शिक्षा) व सरल प्रोग्राम के तहत अधिकारियों की आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुकन्या जनार्दनन, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी रमेश शर्मा, पीओ आईसीडीएस डा. दर्शना सिंह सहित सर्व शिक्षा अभियान, श्रम विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग से अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सीएमजीजीए सुकन्या जनार्दनन ने सक्षम हरियाणा (शिक्षा) व सरल प्रोग्राम के तहत एजेंडा प्रस्तुत किया।

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                      उपायुक्त ने कहा कि जिला में जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है ऐसे बच्चों को चिह्निïत करें और शिक्षा मित्र के माध्यम से उन्हें शिक्षित करें ताकि उनकी शिक्षा सुचारु रुप से चले। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्र का कार्य परिवार पहचान पत्र कैंपेन के साथ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरुरी है कि किसी के पास मोबाइल नहीं है तो उनके लिए शिक्षा मित्रों की सहायता से उन्हें शिक्षित किया जाए। जिला में किताबें वितरण का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला में 842 स्कूल हैं जिनके बच्चों को एजुसेट के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है। ये बच्चे अपने-अपन टाइम टेबल के अनुसार टेलिविजन के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
                      उन्होंने कहा कि बच्चों और अध्यापकों के बीच दूरी को खत्म करने के लिए समय-समय पर ई-पीटीएम का आयोजन किया जाना जरुरी है। इसके लिए अध्यापक व्हाट्सएप, फोन या मैसेज आदि के माध्यम से अभिभावकों  व बच्चों से संवाद कर सकते हैं। जिला में अबतक 3 ई-पीटीएम का आयोजन किया जा चुका है तथा अगली ई-पीटीएम 22 सितंबर को आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा की प्रगति जानने के लिए समय-समय पर क्वीज का आयोजन करें। इसके लिए अध्यापक सभी विषयों पर समान रुप से फोकस करें। जिला में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह के दो दिनों में कक्षा तीसरी से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए गणित व विज्ञान विषय को छोड़कर क्वीज का आयोजन किया जाएगा।

                      उन्होंने बताया कि दीक्षा एप ऑनलाइन शिक्षा को लेकर सिर्फ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी काफी मददगार होगा। उन्होंने कहा कि इस एप पर डिजिटल कंटेंट के रुप में लाईब्रेरी भी उपलब्ध है। इस एप का उपयोग अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए भी किया जा रहा है, वे अपनी एम्प्लॉई आईडी के माध्यम से लॉगइन कर सकते हैं। जिला के प्राथमिक, माध्यमिक व स्कूल हेड को दीक्षा एप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ है ज्ञान देना है, शिक्षा व्यक्ति के जीवन के सर्वांगिण विकास में सहायक होती है जिससे न केवल व्यक्ति का स्वयं का बल्कि समाज का भी सुधार होता है।


                      उपायुक्त ने सरल हरियाणा पार्टल पर विभिन्न विभागों के पोर्टल पर आए आवेदन पत्रों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सरल पोर्टल के माध्यम से आमजन से जुड़ी विभिन्न सेवाओं का लाभ समयबद्ध देना तय किया गया है। सभी संबंधित विभाग सेवा का अधिकार नियम के तहत तय समय में सभी सेवाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन आवेदनों का जल्द से जल्द निपटान करें।